रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 दिसंबर। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया की छुट्टी कर दी गई है। कांग्रेस में हुए परिवर्तन को लेकर सांसद सुनील सोनी, पूर्व स्पीकर धरम लाल कौशिक और प्रवक्ता राजेश मूणत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव से ठीक 1 साल पहले पीएल पुनिया की छुट्टी किया जाना ,इस बात को दर्शाता है कि बीते 4 साल में कांग्रेस के भीतर दिखाई दे रही गुटबाजी को अब केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है,किंतु इससे गुटबाजी नहीं खत्म होने वाली हैं।संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने भी पांच वर्ष में पांच-पांच प्रभारी बदले हैं। जो उनकी गुटबाजी को दर्शाती है। सुनील सोनी ने कहा इस बदलाव का फर्क नहीं पड़ेगा। बदलाव सरकार की सोच में लाना चाहिए। आला कमान को लग रहा है कि कांग्रेस साफ होने वाली है। इसलिए प्रभारी को बदल दिया है।
कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की भयंकर अंदरूनी कलह व भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश प्रभारी को बदला है। प्रभारी बदलने से कुछ नहीं होगा क्योंकि जनता ने कांग्रेस की सरकार बदलने का मन बना लिया है । कांग्रेस के ही भीतरी सूत्र बताते हैं कि शैलजा की नियुक्ति बघेल की पसंद नहीं है।
मूणत ने कहा कि कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ भेजा जाना कांग्रेस में मची कलह को खत्म करने की कवायद नजर आती है, लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व शायद यह नहीं जानता कि सीएम बघेल खुद कांग्रेस के भीतर पनप रहे असंतोष का कारण है, क्योंकि वह खुद के आगे किसी और को कुछ भी नहीं समझते।जब तक भूपेश बघेल इस्तीफा नहीं देंगे,सारे प्रयास व्यर्थ हैं। मूणत ने कहा कि लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में प्रभार संभालने वाले पुनिया, बघेल के सामने बेबस नजर आने लगे थे।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पीएल पुनिया की बातें सुनने वाला कोई नहीं बचा था।