गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा (राजिम), 8 दिसम्बर। हमारा कोई नहीं था, मेरे बेटे को काम दिला दिया। किशोर का बहुत-बहुत धन्यवाद। यह कहना है उस मां का, जिसका जवान बड़ा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, उसके लिए किशोर देवांगन ही मजबूत सहारा है।
कमला बाई चक्रधारी, अपने बेटे तिलक चक्रधारी व अन्य परिजनों और ग्राम के कुछ लोगों के साथ बुधवार सुबह नवापारा स्थित भाजयुमो नेता किशोर देवांगन के घर पहुंची और किशोर को शाल व श्रीफल भेंटकर इन मार्मिक शब्दों के साथ, असमय काल के गाल में समा गए अपने बड़े बेटे नरेंद्र चक्रधारी की मृत्यु के बाद, उन्हें न्याय दिलाने के लिए ऐसे समय में देवदूत की तरह आगे आने के लिए आभार व्यक्त किया।
किशोर ने शाल व श्रीफल स्वीकार करते हुए, शाल को मृतक नरेंद्र की मां कमला बाई चक्रधारी को ओढ़ाकर, उनसे उन लोगों की ही तरह, हर उस व्यक्ति का विपरीत परिस्थितियों में सहारा बनने का आशीर्वाद लिया, जो उनसे सहयोग की अपेक्षा रखता है।
गौरतलब है कि 14 नवंबर 22 की दोपहर कोलियारी निवासी नरेंद्र चक्रधारी की, जल संसाधन विभाग का कार्य करने के दौरान, करंट की चपेट में आ जाने से मृत्यु हो गई थी। इसकी ग्रामवासियों द्वारा सूचना मिलने पर किशोर उसी दिन शाम 4 बजे के करीब मौके पर पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी लेकर नरेंद्र की मृत्यु के लिए जल संसाधन विभाग को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार ठहराते हुए, नरेंद्र के परिजनों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया।
इसके बाद किशोर ने मृतक नरेंद्र के परिजनों व ग्रामवासियों के साथ मौके पर ही मृतक नरेंद्र के शव के पास बैठकर जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इस दौरान लोग, क्षेत्र के कथित बड़े-बड़े जिम्मेदार व सक्षम जनप्रतिनिधियों को फोन के माध्यम से मामले की जानकारी देते हुए उनसे मौके पर पहुंचने का आग्रह करते रहे, लेकिन कोई नहीं आया उसी दिन रात 11 बजे के करीब तहसीलदार अभनपुर पवन सिंह ठाकुर और गोबरा नवापारा तहसीलदार रीमा मरकाम द्वारा 1 लाख रुपए नगदी की व्यवस्था कर, मृतक नरेंद्र के परिजनों को सौंपा। साथ ही उन्हें अन्य आर्थिक सहयोग दिलवाने का आश्वासन भी दिया।
इसके बाद किशोर ने, मृतक नरेंद्र के परिवार की माली हालत को देखते हुए, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से लगातार चर्चा करते हुए, मृतक नरेंद्र के परिवार को चार लाख पैंतीस हजार दिलाया, तथा परिवार के एक सदस्य को विभाग में काम पर रखने का भी आग्रह किया, जिसे स्वीकार करते हुए नरेंद्र के छोटे भाई तिलक चक्रधारी को, विभाग द्वारा दैनिक वेतनभोगी के काम पर रख लिया गया है।