कांकेर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 8 दिसंबर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने अपने निकटतम प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के ब्रम्हानंद नेताम को 21 हजार से अधिक मतों से हराया। सावित्री मंडावी की भानुप्रतापपुर क्षेत्र से यह जीत कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक है। यह पहला अवसर है, जब कांग्रेस को यहां से जीत की हैट्रिक मिली है।
पांच दिसंबर को हुए मतदान की मतगणना 8 दिसंबर को हुई। कुल 1 लाख 45 हजार 966 मत पड़े। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी को 65479 वोट मिले। ब्रम्हानंद नेताम को 44308 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर कोर्राम को 23417 मत मिले। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी घनश्याम जुर्री 2485, डायमंड नेताम को 813, शिवलाल पुडो 1309, दिनेश कल्लो 3851, नोटा को 4251 मत मिले।
सावित्री मंडावी ने कांग्रेस को दिलाई जीत की हैट्रिक
1962 में यह विधान सभाक्षेत्र अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस यहां से 6 बार जीत दर्ज की है। लेकिन यह पहला अवसर है जब सावित्री मंडावी ने कांग्रेस को जीत की हैट्रिक दिलाई है। इतिहास के आइने में एक नजर डालें तो इसकी पुष्टि होती है।
पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया। 1967 में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी का उम्मीदवार जे जे हथोई जीते।
वर्ष1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह जीते,1979 में जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल ,1980 व 1985 में कांगेंस के गंगापोटाई चुनी गई थी।
1990 में निर्दलीय प्रत्यासी झाडऱाम ने गंगापोटाई को हराया था। 1993 में भाजपा के देवलााल दुग्गा ने यहां से जीत दर्ज की थी। वर्ष 1998 में कांग्रेस से मनोज मंडावी जीते।
2003 मेंं भाजपा से देवलाल दुग्गा जीते। 2008 में भाजपा से ब्रम्हानंद नेताम जीते।
2013 में कांगे्रस से मनोज मंडावी की वापसी हुई। 2018 में भी वे यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। उनके निधन के बाद 2022 के उपचुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी को भानुप्रतापपुर की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुना है।
यह पहला अवसर है कि भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस व मंडावी परिवार को लगातार तीन बार जनादेश मिला है।