कांकेर

कोयलीबेड़ा ब्लॉक में शिक्षा बेहाल, आदिवासी बच्चों की पढ़ाई ठप
16-Dec-2022 9:36 PM
कोयलीबेड़ा ब्लॉक में  शिक्षा बेहाल, आदिवासी बच्चों की पढ़ाई ठप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कांकेर, 16 दिसंबर।  जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में आदिवासी आश्रम छात्रावासों की हालत खराब है। यहां के हॉस्टल में बेहतर भविष्य के लिए अपना गांव छोडक़र पढ़ाई लिखाई करने आये आदिवासी बच्चों को सिर्फ निराशा हाथ लग रही है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब आदिवासी छात्र युवा संगठन (्रस्ङ्घ) के पदाधिकारियों ने माचपल्ली गांव के अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास का दौरा किया।

असल में अंदरूनी इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए काम करने वाले आदिवासी छात्र संगठन के युवाओं की पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। संगठन ने बालक आश्रम का फोटो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। माचपल्ली गांव के हॉस्टल में करीब 40 बच्चों का नाम दर्ज हैं, लेकिन सिर्फ 15 बच्चे पढ़ाई करने आते हैं।

आदिवासी छात्र युवा संगठन का आरोप है कि यहां के हॉस्टल अधीक्षक की लापरवाही बरतने के कारण आदिवासी बच्चों का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है। वहीं, जब इस मामले में छात्र संगठन के पदाधिकारियों को अधीक्षक ने यहां  कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि यहां के आदिवासी बच्चे खाना खाने के बाद माचपल्ली गांव में खेलने भाग जाते हैं।  लेकिन यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों ने बताया कि फिलहाल 40 बच्चों में से महज 14 बच्चे ही यहाँ रहते हैं।

जानकारों के मुताबिक जिन अफसरों पर इन हॉस्टल की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। वो  बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे छोड़ दिया  है।

  इस संबंध में  आश्रम अधीक्षक माचपल्ली कृष्णपाल राणा का कहना है कि दो दिन बाद यहां बैठक है, उसी के व्यवस्था के लिए पखांजूर गया हुआ था। मैं बच्चों के साथ आश्रम में ही रहता हूं।

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