मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 28 दिसंबर। आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग की जरूरत से ज्यादा राजनैतिक अवहेलना हुई है जिसके कारण यह क्षेत्र विकास की दौड़ में काफी पीछे रह गया है। लरंगसाय जी के बाद इस संभाग में कोई दूसरा बड़ा जननेता पैदा न होना इस क्षेत्र का दुर्भाग्य है। वहीं कोरबा लोकसभा में पिछले दो दशक से एक ही परिवार के लोगों का कब्जा होने के बावजूद इस क्षेत्र का विकास की दौड़ में पीछे रह जाना आश्चर्यजनक है। यदि क्षेत्र की जनता ने चाहा और पार्टी ने मुझे मौका दिया तो आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनावी समर में जरूर उतरूंगा।
उक्त बातें अप्रवासी भारतीय एवं समाजसेवी चंद्रकांत पटेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। श्री पटेल ने कहा कि चिरमिरी सहित आसपास के सभी कोयलांचल क्षेत्रो में कोयला खत्म होने के कगार पर है और कोई दूसरी इंड्रस्ट्री नहीं होने के कारण यहां के लोग रोजगार की भीषण समस्या से ग्रसित है। इसके साथ ही यह क्षेत्र उच्च शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और रेल सुविधा से भी वंचित है। यदि तेजी के साथ इस क्षेत्र के लिए कुछ बड़े निर्णय नहीं लिए गए तो आने वाले दिनों में स्थिति भयावह होने से कोई नहीं रोक सकता।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा, अमेरिका में सार्वजनिक जीवन में बिल्कुल भी भ्रष्टाचार नहीं है लेकिन भारत में कदम कदम पर भ्रष्टाचार है। जिसके कारण आम से लेकर खास आदमी तक परेशान है। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस पर काफी लगाम लगा है। डिजिटलाइजेशन, ऑनलाईन टेंडर एवं जरूरतमन्दों के लिए डायरेक्ट बैंकिंग सुविधा इस दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन अभी भी इसमें बहुत से काम होना बाकी है ।
पीएम मोदी से उनके संबंधो के सवाल पर उन्होंने कहा, पीएम मोदी से उनकी पहली मुलाकात गुजरात में हुई थी जब वे वहां मुख्यमंत्री थे। इसके बाद उनसे उनकी कई बार मुलाकात और विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके मार्गदर्शन में एनआरआई का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
अमेरिका में बसे भारतीयों की कठिनाइयों के सवाल पर श्री पटेल ने कहा कि अमेरिका में लगभग 40 लाख भारतीय बसे हुए है। 1993 में वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने ओव्हरसीज बीजेपी की स्थापना की, जिसके बाद लगातार इस संस्था ने विदेशों में बसे भारतीयों की समस्याओं पर काम किया।
चिरमिरी में जमे हुए व्यवसाय एवं राजनीति को छोडक़र अचानक अमेरिका चले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सही है कि उस समय उनका वकालत का व्यवसाय चिरमिरी और मनेन्द्रगढ़ में जमा हुआ था। भाजपा के चिरमिरी मंडल अध्यक्ष के रूप में वे अग्रेसिव होकर तेजी से क्षेत्र में भाजपा का विस्तार कर रहे थे, लेकिन 1989 में उनकी बहन के ग्रीन कार्ड के आवेदन पर इंटरव्यू का लेटर आने पर उन्हें अचानक चिरमिरी छोडक़र अमेरिका जाना पड़ा।
मात्र 15 डॉलर से अमेरिका में अपना सफल व्यवसाय खड़ा करने के सवाल पर श्री पटेल ने कहा कि शुरुआत में उन्हें कठिन संघर्ष करना पड़ा। भारत और अमेरिका के जलवायु में भारी अंतर होने के कारण वे शुरुआत के 6 माह तक वे बीमार रहे। बीमारी से उबरने के बाद उन्होंने लांड्री से अमेरिका में अपने बिजनेस की शुरुआत की और लगभग एक साल तक उन्होंने इस काम को किया। इसके बाद उन्होंने चिप्स की फैक्ट्री खोली।
आज उनके पास अत्याधुनिक चिप्स की फैक्टरी है। और अब उनका परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा है। उनकी दो बेटियों में बड़ी बेटी डॉक्टर और छोटी बेटी वकील है। कोरोना काल में बड़ी बेटी ने लंग्स डॉक्टर के रूप में अमेरिका और छत्तीसगढ़ के लोगों की काफी सेवा की है ।
उन्होंने कहा कि उनका जन्म चिरमिरी में ही हुआ है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा बड़ा बाजार में हुई। हाई स्कूल व हायर सेकेंड्री की शिक्षा उन्होंने लाहिड़ी स्कूल से ली। 1972 में उन्होंने लाहिड़ी कालेज में बीए करने के बाद रायपुर के दुर्गा कालेज से अर्थशास्त्र से एमए और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।