कवर्धा

चोर भट्टी में वन अधिकार को लेकर 50 गांव के मुखिया ने की बैठक
30-Dec-2022 3:17 PM
चोर भट्टी में वन अधिकार को लेकर 50 गांव के मुखिया ने की बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 30 दिसंबर।
ग्राम पंचायत चोर भट्टी में वनों और वन संसाधनों पर सामुदायिक दावेदारी को लेकर 50 गांव के बैगा आदिवासी वन्य समाज के मुखियाओं ने बैठक की।
विकासखंड के भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र के आसपास के ग्राम पंचायत चोर भट्टी, बैरख, ढोलबज्जा, चिल्फी, लूप, बेंदा, राजाधार, बोक्कर खार,  शंभू पीपर आदि पंचायतों के 50 गांव के  मुखियायों की बैठक का आयोजन गुरुवार को ग्राम चोर भट्टी में प्रयोग समाज सेवी संस्था के द्वारा किया गया।

बैठक में मुख्य रूप से एकता परिषद प्रदेश संयोजक मुरली दास संत मनीष धुर्वे परियोजना संयोजक व जिला संयोजक रमेश यादव के मार्गदर्शन में 50 गांव के मुखिया को अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 को लेकर बैठक किया गया।

बैठक में मुख्य रूप से वन अधिकार कानून के मुख्य उद्देश्य वनों पर आश्रित आदिवासियों तथा अन्य परंपरागत वन निवासीयों को उनके कब्जे की कृषि और आवासीय भूमि मिले तथा ग्राम सभा के सभी सदस्यों को वन से संबंधित  उनका पारंपरिक सामुदायिक अधिकार प्राप्त होने को लेकर इसके क्रियान्वयन के विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

प्रदेश संयोजक मुरली दास संत ने बताया कि इस प्रावधान के अंतर्गत लोगों को 4 तरह के जमीन प्रदान की जानी है जिसमें खेती के लिए जमीन निवास के लिए जमीन निस्तार के लिए जमीन है, इनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जनजाति कल्याण विभाग की है। इसके अलावा उन्होंने वन भूमि के बारे में बताया कि ऐसी भूमि जो वनक्षेत्र में आती हो यानी ऐसी भूमि जो संरक्षित वन आरक्षित वन अवर्गीकृत वन असीमाकित वन राष्ट्रीय उद्यान अभ्यारण या ऐसे वन जिसे किसी अन्य नाम से जाना जाता है, जिसके लिए पट्टा नहीं बल्कि अधिकार पत्र दिया जाता है। इस भूमि का हस्तांतरण केवल परिवार के वारिस होता है बहुत सारी जानकारी उन्होंने गांव के उपस्थित मुखिया को दिया।

 वन अधिकार कानून के बारे में सबसे ज्यादा ताकतवर ग्राम सभा को बनाया गया है, इसके माध्यम से ही वन अधिकार समिति का गठन होता है और वन अधिकार समिति द्वारा सत्यापित दावों का अनुमोदन किया जाता है। ग्राम सभा के लिए फोरम में 50 फीसदी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य जिनमें महिलाओं की उपस्थिति भी जरूरी है, इस तरह उन्होंने वन अधिकार कानून के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए लोगों को जागरुक किया।

73 मुखिया ने लिया भाग
बैठक में ग्राम चोरभट्टी के पंचायत भवन में 50 गांव के 73 मुखियाओं ने भागीदारी की, उनके द्वारा वन अधिकार के क्रियान्वयन में वन और  वनसंसाधनों पर सामुदायिक दावेदारी तथा अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी वनों की मान्यता को लेकर आने वाली समस्याओं पर जानकारी दी गई। प्रयोग समाज सेवी संस्था एकता परिषद द्वारा 50 गांव में 985 व्यक्तिगत दावा फॉर्म भरे गए हैं। गांव में शिविर लगाकर दावा फॉर्म भरे जा रहे हैं। इसके अलावा आने वाले समय में सामुदायिक गांव में शिविर लगाया जाएगा।

मार्च में जंगल सत्याग्रह पर हुई चर्चा
एकता परिषद के संयोजक मुरली दास ने बताया मार्च माह में धमतरी जिले के नगरी सिहावा क्षेत्र के गट्टा सिल्ली में जंगल सत्याग्रह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सत्याग्रह के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जंगल सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें एकता परिषद के संयोजक राज गोपाल उपस्थित रहेंगे। जंगल सत्याग्रह में सहभागिता के लिए छत्तीसगढ़ के 17 जिलों से जन संवाद पदयात्रा निकाली जाएगी जिस की भी तैयारी एकता परिषद द्वारा की जा रही है।

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