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हरिनाम रूपी बीज श्रीमद् भागवत कथा का मूल सार तत्व- सविता गोस्वामी
11-Jan-2023 4:00 PM
हरिनाम रूपी बीज श्रीमद् भागवत कथा का मूल सार तत्व- सविता गोस्वामी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 11 जनवरी।
जांजगीर जिले के अग्रसेन भवन में स्वर्णकार समाज समिति के तत्वाधान में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा सप्ताह के विश्राम दिवस की कथा का समापन हुआ है।
स्वर्णकार समाज द्वारा कोरोना काल के समय स्वजातीय स्वजनों का आकस्मिक देहावसान हुआ था उन सभी दिवंगत आत्माओं के मोक्ष हेतु जांजगीर -नैला के अग्रसेन भवन में विगत 3 जनवरी से श्रीमद भागवत कथा महापुराण सप्ताह का आयोजन किया गया।
सोमवार को श्री मदभागवत कथा पुराण के अंतिम दिवस ब्यासपीठ से भागवताचार्य सुश्री सविता गोस्वामी दीदी जी ने कथा विश्राम में परीक्षित मोक्ष के साथ श्रीमद भागवत महापुराण कथा का मूल सारतत्व को बताया।

सुकदेव जी महाराज गंगा के सुकताल पर बैठकर राजा परीक्षित को भगवान श्याम सुंदर के लिए श्रीमद भागवत का श्रवण करा रहे हैं। माता रूकमणी और भगवान श्रीकृष्ण जी का पाणीग्रहण हुआ। रूकमणी माता लक्ष्मी है। रूकमणी ने कहा प्रभु आप मेरा हरण करके वरण कर लीजिए।

यदि शिशुपाल भगवान श्रीकृष्ण का भक्त होता तो श्रीकृष्ण श्याम सुंदर कभी रूकमणी का हरण नहीं करते अपितु वह शिशुपाल की ही भार्या थी। शिशुपाल विधर्मी है इसलिए लक्ष्मी कहती है मैं ऐसे पापाचारी के पास नहीं रहूंगी। पापाचारी के पास जो धन है वो धन है और जो सदाचारी के पास है वो लक्ष्मी है। लक्ष्मी के दो वाहन है एक उल्लू और दूसरा गरूण है। उल्लू में बैठकर आएगी तो कुछ ही दिन में उल्लू बनाकर चली जाएगी और नारायण के साथ लक्ष्मी को भजोगे तो सदा सदा के लिए आपके घर में आकर के निवास करेगी। धन कभी कभी अशांत करता है, लेकिन लक्ष्मी आएगी तो सुख समृद्धि शांति लाएगी।

लक्ष्मी जब आएगी तो कम में ही ज्यादा लगेगा। धन दरिद्र भी बना सकता है लेकिन लक्ष्मी कम में भी राजा बना सकती है। नारायण के बाद लक्ष्मी को बुलाओगे तो जीवन सदा संपन्नता से भरा रहेगा। कथा अगर मन और ध्यान से नहीं सुना तो वो जीवन निरर्थक है।

कथा सुनकर अपने आचरण में बदलाव नहीं किया तो ये जीवन व्यर्थ है। मन को श्रेष्ठ करिये। मन के बुराईयों को देखना शुरू कीजिए। कथा के अंतिम दिवस सुदामा चरित्र,परीक्षित मोक्ष, चढ़ौत्री के साथ श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा सप्ताह का समापन हुआ।

कथा श्रवण करने के लिए गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर महंत राजेश्री रामसुंदर दास श्री मदभागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा श्रवण में सम्मिलित हुए। व्यासपीठ से अपनी रसमयी ओजस्वी मधुरवाणी से भागवताचार्य विदुषी मानस मर्मज्ञ  पूज्य दीदी सविता गोस्वामी जी (वाराणसी) द्वारा भक्तजनों को कथा का मधुर रसपान कराया।

स्वर्णकार समाज के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष सन्तोष सोनी और पूर्व केंद्रीय टीम के सदस्यों, सर्किल जांजगीर सहित सभी 11 सर्किलों के स्वर्णकार समाज के सहयोग  द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा सप्ताह का आयोजन 3 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित हुआ, जिसमें स्वर्णकार समाज के सभी 11 सर्किलों से आत्मजनों सहित नगर के लोगों ने श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ कथा सप्ताह की कथा सुनी। कथा विश्राम के अंतिम दिन हवन, सहस्त्रधारा सहित ब्राम्हण भोजन और महाभण्डारा के साथ श्रीमद्भागवत का समापन हुआ।
 

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