कोरिया

3 लोगों की जान लेने वाले आदमखोर की खोज में लगा वन विभाग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर ( कोरिया), 17 जनवरी। आदमखोर तेंदुए को पकडऩे पहले बकरी, मुर्गा, अब कुत्ता को सामने लाया गया है जबकि उसे ढूंढने कुत्ते के साथ अब हाथी की मदद ली जा रही है।
मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में तेंदुए के आतंक से ग्रामीण परेशान है, वहीं 15 जनवरी को तेंदुए के हमले से एक व्यक्ति की मौत के बाद वन विभाग का सचिव स्तर से लेकर गार्ड स्तर तक की पूरी टीम उसकी खोज में लगी हुई है।
बीते एक माह से मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में तेंदुए का आतंक है। अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है तो एक को गंभीर रूप से घायल कर चुका है। वहीं मामले को अब वन विभाग गंभीरता से ले रहा है और 15 जनवरी को हुई घटना के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग के हलचल तेज हुई, घटना के दूसरे दिन वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ श्री पांडेय जनकपुर पहुंचे, सीसीएल सरगुजा के साथ वन्य प्राणी के सीसीएफ और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक व मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ दो दिन से तेंदुए की खोज में जनकपुर में डेरा डाले हुए है।
खोजी कुत्ते की मदद
तेंदुए की खोज के लिए वन विभाग पूरा जोर लगा रहा है, परंतु सवाल यह खड़ा हो रहा है तेंदुआ है तो कौन सा, क्योंकि इस क्षेत्र में काफी संख्या में तेंदुए है, जिसके बाद खोजी कुत्ते की मदद ली जा रही है, फिर इस पर सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या अब तक किसी खोजी कुत्ते ने किसी वन्य प्राणी की खोज की है। खैर, वन विभाग हर हाल में तेंदुए को पकडऩे में जुटा है।
तमोर पिंगला से आ रहे दो हाथी
तेंदुएं पर नजर रखने उसे ट्रांकुलीज करने दो टीम मौके पर है, वही तमोर पिंगला से दो हाथियों को बुलाया गया है जिस पर दोनों टीम और वन विभाग के एक्सपर्ट बैठकर उसे खोज कर बेहोश करने का काम करेंगे।
पिंजरा लगाया पर कामयाबी नहीं
बीते 15 दिन से वन विभाग तेंदुए को पकडऩे जुगत लगा रहा है, पहले पिजरे में बकरे को तेंदुए के आहार के रूप में रखा गया, उसके बाद वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि बाघ और तेंदुआ बकरी को अपना आहार नहीं बनाता है, उसे मुर्गा या कुत्ता काफी प्रिय है, उसके बाद मुर्गा को पिंजरे में रखा गया, पर तेंदुए ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, अब उसके लिए एक कुत्ते को पिंजरे में रखा गया है, परंतु तेंदुआ अभी उसे खाने सामने नहीं आया है।