बेमेतरा

चना ने दिया धोखा तो मटर को अपनाया, ब्लॉक में तीन करोड़ का कारोबार
23-Jan-2023 2:22 PM
चना ने दिया धोखा तो मटर को अपनाया, ब्लॉक में तीन करोड़ का कारोबार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 जनवरी।
खेती में नवाचार के लिए बेमेतरा जिले के किसानों का एकाधिकार है चाहे प्रकृति से लडऩा हो, चाहे प्रशासन से किसान अपनी राह खुद निकालते हैं। नवागढ़ ब्लाक की पहचान चने की खेती के लिए थे। वैसे हाफ नदी, फोक, सकरी तट को वरदान माना जाता है। इस तट की मिट्टी में वह मिठास है जो इसकी हरेक उपज पर दिखती है। सकरी एवं हाफ नदी के संगम तट पर ग्राम बाघुल के किसान साहू बंधुओं ने जमीन को वर्ष भर के लिए रोजगार देने का जरिया मटर से बनाया।

मानसून में मूंगफली, शरद में मटर फिर बसंत में टमाटर की पैदावार लेकर कम रकबे में रोजगार पाया और नवागढ़ ब्लाक में बाघुल का मटर ब्रांड बन गया । वैसे इस ब्लाक में करमन का अमरूद की ख्याति देश भर में है उसी तरह बाघुल का मटर नाम से बिकता है।

लगातार कम बारिश जब धान की उपज प्रभावित हुई रबी फसल लेना मुश्किल हुआ चने की खेती से धोखा मिला, तो किसानों ने शरद ऋतु के शरण में जाकर अपने सपने साकार किए। आज कृषि विभाग का आंकड़ा यह बताता है कि ब्लाक में 614 एकड़ रकबे में किसान मटर की खेती कर रहे है जिससे लगभग खुदरा बाजार में तीन करोड़ का अनुमान है।

ग्राम भालुपान में पचास एकड़ रकबे में किसानों ने मटर की खेती की है। किसान राजेंद्र बंजारे ने बताया कि गांव के किसान मटर की खेती कर खुश है। प्रति एकड़ पचास हजार की बचत अनुमानित है। नगद फसल से घर परिवार जरूरत की पूर्ति सहज हो जाती है। मटर की तरह लगभग 275 एकड़ रकबे में बटरी की खेती किसानों ने की है। बटरी जिसका बहुतायत उपयोग सब्जी के लिए होता है लाजवाब स्वाद के कारण मटर को करारा टक्कर बटरी देती है। कोई अस्सी लाख का कारोबार इसका हो चला है।

संकट में मिला साथ
सब्जी उत्पादक किसान भूपेन्द्र सिंह खुराना ने कहा कि सब्जी उत्पादक किसानों को संकट के समय सरकार का सहयोग मिले। इस कारोबार में दो तरह की समस्या आती है। एक मौसमी दूसरा बाजार का कई बार ऐसा अवसर आता है जब फसल की तुड़ाई की मजदूरी नहीं निकलती, किसान मजबूरन सडक़ों पर फेंकता है ऐसे समय में उत्पाद को सुरक्षित रखने या उसकी उपयोगिता की दिशा में ठोस पहल हो। खुराना ने कहा कि जिला मुख्यालय में कम से कम फूड प्रोसेसिंग यूनिट उस उत्पाद का लगे जो किसान लेते हैं, इससे न्यूनतम मूल्य तो मिलना तय रहेगा।

नगद फसल पर रुझान बढ़ा
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि नवागढ़ ब्लाक के किसान नगद फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सरकार के मंशानुरूप फसल परिवर्तन हो रहा है। ब्लाक में गुड़ कारोबार, पपीता की बेहतर उपज, सब्जी उत्पादन, मटर का बाजार, फल की दिशा में पहल एवं बड़े रकबे में खेत के मेढ़ो में जिमिकंद की खेती से किसान नगद कमा रहे। जिस दिन चाह रहे हैं बेच रहे हैं। चतुर्वेदी ने बताया कि नवागढ़ ब्लाक में खेती को किसानों द्वारा वर्ष भर लाभ की खेती बनाया जाना शुभ संकेत है।

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