बेमेतरा

मरम्मत पर 38 लाख खर्च, फिर भी इंटेकवेल के पंपों में आ गई खराबी
23-Jan-2023 2:42 PM
मरम्मत पर 38 लाख खर्च, फिर भी इंटेकवेल के पंपों में आ गई खराबी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 जनवरी।
पच्चीस करोड़ लागत की शहरी जल आवर्धन योजना अंतर्गत माह भर से शहर के लोगों को मीठा पानी नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि जलापूर्ति शुरू करने को लेकर करीब 6 माह पूर्व मेन्टेन्स पर 38 लाख खर्च किया गया है। बावजूद ट्रीटमेंट प्लांट व इंटेक वेल में बार-बार आ रही तकनीकी खराबी के कारण शहरवासियों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है ।

विधायक आशीष छाबड़ा की मांग पर वर्ष 2021-22 में तत्कालीन कलेक्टर ने डीएमएफ फंड के अंतर्गत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत समेत अन्य कार्य के लिए 38 लाख रुपए स्वीकृत किए थे । स्वीकृत राशि से सब स्टेशन का पूरा मटेरियल बदला गया, पम्प और मोटर की सर्विस, विद्युत वर्क, गेयर बॉक्स समेत अन्य कार्य हुए हैं । गौरतलब हो कि योजना की शुरुआत से लेकर अब तक शहरवासियों को नियमित पानी नहीं मिल रहा। प्रशासन के इस रवैये से आमजनों में खासी नाराजगी है। उल्लेखनीय है कि 16 करोड़ लागत की योजना को पूर्ण करने कई बार रिवाइज एस्टीमेट शासन को भेजा गया। नतीजतन योजना की लागत बढक़र 25 करोड़ रुपए हो गई।

पुराने पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति
योजना अंतर्गत शहर के 21 वार्डों में करीब 50 किमी पाइप लाइन का विस्तार किया गया है। नगर पालिका प्रशासन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सामंजस्य का आलम यह है कि योजना अंतर्गत बिछाई गई पाइप लाइन से एक भी नल कनेक्शन नहीं किया गया है। उच्च जलागार से शहर की तीन पानी टंकियों को भरकर पुरानी पाइप लाइन से शहर के करीब 15 वार्डों को जलापूर्ति की जा रही थी। नतीजतन आधी नतीजतन आधी आबादी योजना के लाभ से वंचित हैं। आबादी योजना के लाभ से वंचित हैं।

मरम्मत के बाद होगी जलापूर्ति
पालिका प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इंटेक वेल में आई तकनीकी खराबी के कारण वर्तमान में जलापूर्ति बंद पड़ी है । इंटेक वेल में 3 पंपों में से एक पंप में खराबी थी। जिसकी मरम्मत करीब 20 दिनों पूर्व कराई गई है। उसके बाद एक पंप में फिर से खराबी आने के कारण जलापूर्ति बंद पड़ी है। वर्तमान में 2 पंप खराब है । पंपों मरम्मत की मरम्मत के बाद ही जलापूर्ति शुरू हो पाएगी।

विभागों के बयान में विरोधाभास
शहरी जल आवर्धन योजना के फेल होने का मुख्य कारण नगर पालिका प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सामंजस्य का अभाव है। योजना के संचालन के लिए इंटेकवेल व वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को पालिका प्रशासन को हैंड ओवर करने को लेकर दोनों विभाग के बयानों में विरोधाभास है। एक ओर जहां लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से पालिका प्रशासन को योजना हैंड ओवर का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पालिका प्रशासन के द्वारा योजना के हैंड ओवर नहीं किए जाने की बात कही जा रही है।

आधी अधूरी योजना के कारण, 200 पंपों से शहरवासी को जलापूर्ति
जानकारी के अनुसार वर्तमान में योजना का संचालन पालिका प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। पालिका से मिली जानकारी के अनुसार योजनाओं को पूर्ण किए बिना संचालन की जिम्मेदारी सौंपने के कारण पालिका प्रशासन पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रहा है। क्योंकि वर्तमान में शहरवासियों को 200 से अधिक पावर पंपों से जलापूर्ति की जा रही है । योजना पूर्ण होने की स्थिति में इन पावर पंप के जलापूर्ति का आवश्यकता नहीं पड़ती। इन पावर पंप से जलापूर्ति करने की स्थिति में हर महीने करीब 6 लाख रुपए बिजली बिल आ रहा है।

नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू ने कहा कि योजना के हैंड ओवर को लेकर स्थिति साफ नहीं है। विभाग में हैंड ओवर से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, फिर भी वर्तमान में पालिका प्रशासन योजना का संचालन कर रहा है।
कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में है, शहरवासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो यह हमारी प्राथमिकता में है। जलापूर्ति शुरू करने को लेकर संबंधित नगर पालिका प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से चर्चा कर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए जाएंगे।
 

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