गरियाबंद

आध्यात्मिक ज्ञान का नया शक्ति केंद्र बनेगा त्रिमूर्ति भवन
23-Jan-2023 3:08 PM
आध्यात्मिक ज्ञान का नया शक्ति केंद्र बनेगा त्रिमूर्ति भवन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 23 जनवरी।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के इतिहास में रविवार को एक और अध्याय जुड़ गया। ग्लोबल पीस हाल और त्रिमूर्ति भवन का शुभारंभ रिबन काटकर इंदौर-छत्तीसगढ़ जोन की निदेशिका राजयोगिनी आरती दीदी और मुंबई से पधारे महामण्डलेश्वर प्रेमानंद सरस्वती महराज ने किया।

नवकार स्कूल के सामने परिसर में आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि इस चंचल मन को नियंत्रित करना दुनिया का सबसे कठिन कार्य है। त्रिमूर्ति भवन जैसे स्थान पर आने से हम अपने इस चंचल मन को अपने वश में कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज का मुख्य कार्य है योग की शिक्षा देना। जिस दिन हम योग को सीखकर मन को वश में करना सीख गए तो यही परमात्मा को पाने की और परम सुख की अनुभूति हो जाती है।

महोत्सव में 1500 से अधिक लोग मौजूद रहे। ब्रह्माकुमारीज की इंदौर-छत्तीसगढ़ जोन की जोनल निदेशिका राजयोगिनी आरती दीदी ने कहा कि राजिम के कण-कण में धर्म बसा हुआ है। धर्म का अर्थ होता है धारणा करना। जीवन में सत्य ज्ञान को धारण करना। यहाँ की धरती सर्व मनुष्य आत्माओं की मनोकामना पूरी करने वाली है। कल्याण कारी ज्योतिर्बिन्दु परमात्मा हम मनुष्य आत्माओं पर ज्ञान, शक्ति, आनंद, प्रेम की वर्षा कर रहे हैं।

परमात्मा हमें वरदान दे रहे हैं कि सभी का जीवन वरदानों से भरपूर हो जाए। परमात्मा कहते हैं कि सभी के प्रति सदा शुभभावना रखो। परमात्मा इस धरा पर आकर नारी के ऊपर ज्ञान का कलश रखते हैं और ब्रह्माकुमारी बहनों के द्वारा सत्य ज्ञान दे रहे हैं। शक्तिदाता शिव से शक्ति लेकर अपने जीवन को शक्तिस्वरूप बनाएं। यहाँ की तपोभूमि का कमाल है कि एक साथ सौ से अधिक ब्रह्माकुमारी बहने यहाँ से निकली और देशभर में ज्ञान वर्षा कर रहीं हैं। विशेष अतिथि मुंबई से महामण्डलेश्वर प्रेमानंद सरस्वती ने कहा कि यहाँ माघ पूर्णिमा के पहले ही ब्रह्माकुमारियों का कुंभ लगा दिया।

यहाँ आकर साक्षात 108 बालब्रह्मचारिणी देवियों के दर्शन हो रहे हैं। ग्लोबल पीस हाल से राजिम वासियों को आत्म दर्शन का ज्ञान प्राप्त होगा। लोग अपने जीवन का कल्याण कर सकेंगे। स्वयं को ढूंढऩा बाकी है बाकि दुनिया का सारा ज्ञान तो गूगल पर मौजूद है। यदि हमें स्वयं को जानना है तो ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र पर जाना होगा। परमात्मा को जानना है तो यहाँ आकर श्रवण करें।

पूर्व न्यायमूर्ति बीडी राठी ने कहा कि जीवन में दो शब्दों का बड़ा महत्व होता है। जैसे-सुख-दुख, लाभ-हानि, जन्म-मृत्यु। मृत्यु के बाद व्यक्ति का ड्रेस और एड्रेस दोनों बदल जाते हैं। हम जन्म और शादी को उत्सव के रूप में मनाते हैं लेकिन मृत्यु जो जीवन का सत्य है उसकी कोई तैयारी नहीं करता है। यदि हम मृत्यु के पूर्व भी योग, तपस्या, दान, पुण्य करके अपनी तैयारी करते हैं तो आखरी समय में दु:ख नहीं होगा। ब्रह्माकुमारीज में स्वयं परमात्मा ज्ञान देते हैं। यहाँ राजयोग मेडिटेशन सीखकर हमारी विचारधारा बदल जाती है। स्वागत भाषण देते हुए नवापारा-राजिम क्षेत्र की संचालिका बीके पुष्पा दीदी ने कहा कि त्रिमूर्ति भवन और हाल ही में बनकर तैयार हुए ग्लोबल पीस हाल के निर्माण में सहयोग करने वाले सभी दानदाताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

शिव ध्वजारोहण और रिबन काटकर किया भवन का उदघाटन
जोनल निदेशिका राजयोगिनी आरती दीदी ने सबसे पहले रिबन काटकर और शिव ध्वजारोहण कर ब्रह्माकुमारीज के त्रिमूर्ति भवन को समाज के नाम समर्पित किया। इसके बाद 200 से अधिक भाई-बहने शोभायात्रा के रूप में कार्यक्रम स्थल पहुँचे।
इस दौरान आगे छतीसगढ़ का लोक नृत्य करते हुए कलाकार चल रहे थे। रास्तेभर शोभायात्रा में शामिल 100 से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। संचालन करते हुए बिलासपुर से आई ब्रह्माकुमारी राखी बहन ने कहा कि योगी के साथ प्रयोगी भी बने। नवापारा राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरधारी लाल अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में समाजसेवी डॉ. राजेन्द्र गदिया, समाजसेवी स्वरूप चंद टाटिया, पीथमपुर से बीके सुनीता दीदी, भीलबाडा से बीके इंद्रा दीदी, शहडोल से बीके नलिनी दीदी, मंडला से बीके ममता दीदी, इंदौर से समाजवेसी सागर भाई, बिलासपुर से कमल भाई, इंदौर से रेवती दीदी, बीके बिंदु दीदी, इंदौर जोन के धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑर्डिनेटर बीके नारायण भाई सहित क्षेत्र के 1500 से अधिक नागरिकगण मौजूद रहे। दुगम्य राजकोठरी ने अतिथियों का सम्मान किया।
 

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