मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 23 जनवरी। अधिवक्ता राम अंजोर दुबे ने जेल डीजी रायपुर को पत्र लिखकर जिला जेल बैकुंठपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार, बंदियों को दिए जा रहे घटिया भोजन एवं बंदियों के साथ जेल प्रहरियों द्वारा किए जा रहे अमानवीय व्यवहार की जानकारी देते हुए पूरे मामले की जांच बाहर की टीम से कराने की मांग की है।
अपने पत्र में अधिवक्ता राम अंजोर दुबे ने कहा है कि उन्होंने पुलिस थाना चिरमिरी में दर्ज प्रकरण शासन प्रति- रघुराज दुबे वगैरह में 11 जनवरी 2023 को स्वयं जिला एवं सत्र न्यायाधीश बैकुण्ठपुर में आत्म समर्पण किया था तथा जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर उन्हें जिला जेल बैकुण्ठपुर भेजा गया, जहां वे 17 जनवरी तक जेल में ही निरुद्ध रहे।
इस दौरान उन्होंने स्वयं देखा कि बैकुण्ठपुर जिला जेल में बंदियों को अत्यंत घटिया स्तर का भोजन दिया जा रहा है, जो राज्य शासन एवं जेल प्रशासन द्वारा निर्देशित भोजन के मापदण्ड के अनुरूप नहीं है। विचाराधीन कैदियों द्वारा स्तरहीन भोजन के संबंध में शिकायत किये जाने पर जेल प्रशासन द्वारा शिकायतकर्ता कैदियों को मारपीट किया जाता है एवं उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। इसके साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाएं, जो कि उन्हें कानूनी रूप से प्रदत्त की जाती है, उन्हें प्रदत्त किये जाने में जिला जेल प्रशासन द्वारा धनराशि की मांग की जाती है। अपने पत्र में अधिवक्ता श्री दुबे ने आगे लिखा है कि जिला जेल बैकुंठपुर में कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों में जिला जेल बैकुण्ठपुर के कर्मचारीअवधेश एवं महिला शिक्षिका है, जो महिला होने के बावजूद अश्लील गाली देकर कैदियों को संबोधित करती है। उपरोक्त व्यवहार मेरे स्वयं के साथ भी कारित की गई है, जिससे मैं काफी प्रताडि़त हुआ हूँ ।
अधिवक्ता राम अंजोर दुबे ने जेल डीजी से मांग करते हुए कहा है कि उपरोक्त पूरे मामले की जांच बाहर की टीम से कराए तथा जिला जेल बैकुंठपुर ने निरुद्ध बंदियों से जेल प्रशासन की अनुपस्थिति में बयान लिया जाए तो पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।