रायपुर

मनी लांड्रिंग केस: जमीन कारोबारी दीपेश टांक गिरफ्तार
24-Jan-2023 4:55 PM
मनी लांड्रिंग केस: जमीन कारोबारी दीपेश टांक गिरफ्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 24 जनवरी। मनी लांड्रिंग और कोयले पर लेवी वसूली के मामले में ईडी ने  सोमवार को दीपेश टांक को  गिरफ्तार कर 4 दिनों की रिमांड पर लिया है। अब तक इस मामले में पांच लोग जेल भेजे जा चुके हैं और सभी की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी हैं।

ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम दीपेश टांक है। जो  दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद स्पेशल जज अजय प्रताप सिंह ने 4 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा है. आगामी 27 जनवरी को सुबह 11 बजे तक कोर्ट में पेश करना होगा. रिमांड के दौरान हर दूसरे दिन अधिवक्ता को मिलने की अनुमति दी गई है।इसका जमीन का कारोबार बताया गया है।केस से जुड़े वकीलों के मुताबिक दीपेश से शांति देवी चौरसिया ने जमीन खरीदी थी। इसके लिए हुए लेनदेन में दीपेश के एकाउंट में कुछ अधिक राशि डिपाजिटेड मिली है।इसे लेकर ही ईडी ने उससे पूछताछ की थी और आज गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। बचाव पक्ष के वकीलों का कहना है कि दीपेश पर ईडी यह दबाव बनाए हुए है कि वह यह खरीदी और कैश ट्रांजेक्शन सौम्या चौरसिया से करने का बयान दे। इसे लेकर उसके साथ मारपीट भी की गई। दीपेश की तरफ आदित्य वर्मा अधिवक्ता है।

मेरे पति से मारपीट करते थे ईडी अफसर

दीपेश टांक की पत्नी वर्षा टांक ने ईडी के अधिकारियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने हर बार उनकी पूछताछ में सहयोग किया है। ईडी वाले सुबह लेकर जाते थे, रात 3 बजे छोड़ते थे। पूछताछ में उनके द्वारा गलत व्यवहार किया जाता था। कई बार मुर्गा बनाया जाता था। घंटो तक उन्हें खड़े रखा जाता था।इसके अलावा उनके साथ मारपीट भी की जाती थी।इसकी हमने कई बार शिकायत भी की है। वर्षा टांक का कहना है कि जैन मंदिर के पास उनका फॉर्म हाउस है। हम लोग किसान हैं।हमने मजबूरी में जमीन बेची है, जमीन बेचना कौन सा गुनाह।जमीन खरीदने वाला पैसा कहां से ला रहा है, उससे हमको क्या लेना देना। जमीन हमारी खुद की है, हमने सभी ट्रांजेक्शन को दिखाया है।

16 महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं दी पिंगुवा कमेटी ने, तीन महीने में देना था

रायपुर, 24 जनवरी। राज्य सरकार के अधिकारी कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर गठित पिंगुवा कमेटी ने आज 16 महीने बाद भी अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। सितंबर -21 को गठित इस समिति से सरकार ने 3 महीने में सिफारिशें मांगी थी। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने मनोज कुमार पिंगुवा को पत्र लिखकर रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट जमा न होने से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है।

फेडरेशन ने सचिव जीएडी डॉ. कमलप्रीत सिंह को भी पत्र लिखकर

विभिन्न संवर्ग के वेतन विसंगति को लेकर एक बैठक हो चुकी हैं।  वेतन विसंगति के मुद्दे पर शीघ्र निर्णय नहीं होने के कारण पिंगुआ कमेटी के द्वारा शासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।

इसलिए लिपिकों, शिक्षकों एवं अन्य संवर्ग के वेतन विसंगति के संबंध में पदाधिकारियों के साथ अंतिम बैठक करने आवश्यक है।

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