रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 जनवरी। आठ साल पहले रिश्वत लेकर भागते पकड़े गए रहे एफसीआई के क्वालिटी कंट्रोलर को चार साल की सजा सुनाई गई है।
15 हजार रुपए की रिश्वत के मामले में 8 वर्ष बाद 4 वर्ष की कैद और 10, हजार 000 रुपए के अर्थदंड भी दिया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।
सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक रजत श्रीवास्तव ने बताया कि भिलाई निवासी मोहम्मद सिराजुद्दीन (62) वर्ष 2015 में धमतरी स्थित एफसीआई कार्यालय में क्वालिटी कंट्रोलर के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान धमतरी के राइस मिलर ने चावल और धान का इंस्पेक्शन मेमो (सर्टिफिकेट) के लिए संपर्क किया। जहां मोहम्मद सिराजुद्दीन ने उनसे 15, 000 रुपए की रिश्वत मांगी। राइस मिलर द्वारा शिकायत करने पर सीबीआई रायपुर की टीम ने मामले की विवेचना की। साथ ही राइस मिलर को 1 अप्रैल 2015 को रिश्वत की रकम के साथ भेजा था। इस दौरान आरोपी अधिकारी ने अपने सहयोगी कर्मचारी को रिश्वत देने कहा।
रिश्वत लेने के बाद उसका सहयोगी सीबीआई को देखकर वह भागने लगा। उसने रास्ते में रकम भी फेंक दी। टीम ने आधा किमी पीछा कर उसे पकड़ा। इस दौरान पूछताछ में पता चला कि उसने क्वालिटी कंट्रोलर के कहने पर रिश्वत ली थी। सीबीआई ने 29 सितंबर 2015 को चालान पेश किया। जिसके बाद सीबीआई की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल ने 4 वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।