बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 28 जनवरी। छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ ने बस्तर सांसद के साथ ही विधायक को ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्टाफ नर्स के पदनाम को बदलने के साथ ही शासन के द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसा को लागू करने की मांग की।
छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ की उपप्रांताध्यक्ष अंशिला बैस ने बताया कि वर्ष 2018 में वेतन विसंगति को दूर करने के साथ ही नर्सिंग एलाउंस को शुरू करने के साथ ही चरणबंध तरीके से आंदोलन भी किया गया था। आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ के समस्त नर्सिंग स्टाफ को जेल के अंदर दो दिनों तक रखा गया था, जिसे लेकर एक कमेटी भी तैयार किया गया था, जहां कमेटी के द्वारा 3 माह के अंदर अपनी अनुशंसा को भी सौंप दिया, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्टाफ नर्स का कहना था कि अभी वर्तमान में स्टाफ नर्स को 2800 ग्रेड पे दिया जा रहा है, जबकि संघ की मांग है कि स्टाफ नर्स को 4600 दिया जाए, जबकि कमेटी ने भी 4400 ग्रेड पे की बात कही थी, वहीं नर्सिंग सिस्टर को 4300 ग्रेड पे मिल रहा है, जबकि संघ की मांग है कि उन्हें 4800 दिया जाए, जबकि कमेटी ने भी इसे सही माना है।
मैटर्न को 4400 दिया जा रहा है, संघ इसे 5400 ग्रेड पे करने की बात कही है, कमेटी ने इसे 4800 करने की बात कही है, इसके अलावा अन्य और मांगे भी है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी कल्याण संघ के सदस्यों ने कई बार पत्र भी भेज चुके है।
इसके अलावा स्टाफ नर्स का कहना है कि डीएमई के द्वारा स्टाफ नर्स की सीधी भर्ती एवं प्रोन्नति में पुरुष को भी पदस्थ किया जाए, इन सभी मांगों को लेकर कई वर्षों से स्टाफ नर्स लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन किसी भी तरह से कोई सुनवाई नहीं हुई है, इन्हीं बातों को लेकर संघ ने बस्तर सांसद दीपक बैज, विधायक रेखचंद्र जैन को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान उपप्रांताध्यक्ष अंशीला बैस, बस्तर संभाग अध्यक्ष मंजुलता सिन्हा, बस्तर जिला अध्यक्ष प्रार्थना राज दास, एवं बस्तर जिला उपाध्यक्ष स्वाति एली मौजूद थे।