धमतरी

नगरी, 3 फरवरी। केन्द्रीय बजट 2023 - 24 पर प्रतिक्रिया देते हुए सिहावा विधायक डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि अमृत काल के बजट से आम जनता को अमृत का लाभ नहीं मिला। बजट में किसानों की आय दुगुनी करने, महंगाई और बेरोजगारी दूर करने किसी प्रकार की कोई बात नही कही गई है।
डॉ.धु्रव ने कहा कि बजट से छत्तीसगढ़ की जनता को काफी उम्मीदें थीं। मोदी सरकार ने यह बजट अपने कॉरपोरेट मित्रों के लिए बनाया है। बजट में रोजगार की आस लगाए युवाओं को केवल स्किल डेवलपमेंट का झुनझुना मिला।
देश के किसानों से 2022 तक आय दुगुनी करने का वादा था, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने का वादा था, पूर्व में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का आश्वासन भी दिए लेकिन बजट में उस पर कोई प्रावधान नहीं किया है।
एमएसएमई को सपोर्ट के नाम पर फिर से जुमलेबाजी जबकि हकीकत यह है कि 90 परसेंट एमएसएमई 1 साल से अधिक सरवाइव नहीं कर पा रहे हैं।हमारी अर्थव्यवस्था में 90 प्रतिशत से अधिक रोजगार असंगठित क्षेत्र में जनरेट होते हैं, कृषि, रियल स्टेट और कपड़ा जैसे महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले सेक्टर के लिए कुछ नहीं। उज्जवला योजना के नाम पर पीठ थपपाने वाले इस बात पर मौन है कि महंगाई की मार से उज्जवला योजना के कितने हितग्राही गैस की रिफिल करा पा रहे हैं? कुल मिलाकर यह बजट देश की आम जनता और सर्वहारा वर्ग के लिए घोर निराशा का बजट है। आवश्यकता और अपेक्षाएं सागर सी थी पर राहत बूंद भर की नहीं मिली।
बुजुर्गों और महिलाओं को जमा पर मिलने वाले ब्याज के साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर लगातार कम हुई है इस पर भी बजट में कोई बात नहीं की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने वाली महत्वपूर्ण योजना मनरेगा पर ना बात, ना खाद सब्सिडी, ना खाद्य सब्सिडी मोदी सरकार के इस आखिरी पूर्णकालिक बजट में ना 2014 के घोषणापत्र का रोडमैप दिखा और ना ही 2019 के वादों पर कोई प्रावधान किए।
2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा युवाओं से किया गया था 9 साल में 18 करोड़ रोजगार मिलने थे जिसके बारे में कोई बात नहीं, अब केवल 47 लाख युवाओं को 3 साल के लिए भत्ता देने का झांसा दे रहे।
विधायक ने कहा कि बजट में छत्तीसगढ़ मॉडल की धमक साफ दिख रही है ।बजट में भारतीय मिलेट संस्थान के गठन का निर्णय लिया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन पहले से चल रहा है। प्रदेश में रागी, कोदो, कुटकी का समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की गूंज सरकार के बजट में गोबरधन स्कीम के नाम से हुई है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। हमारी सरकार की योजनाओं पर केंद्र काम कर रहा है।