गरियाबंद

राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी
03-Feb-2023 6:41 PM
राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा राजिम, 3 फरवरी। पांच से 18 फरवरी तक चलने वाली राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। हालांकि अभी बहुत कुछ काम बचा हुआ है, जैसे की नदी किनारे घाटों की सफाई,रोशनी की व्यवस्था सोमवारी बाजार-नवापारा से त्रिवेणी पुल नवागांव के तरफ लाइटिंग की व्यवस्था,साफ- सफाई रंग- रोगन बेरीकेट्स का कार्य अभी बचा हुआ है।

नट बोल्ट एवं लोहे की रॉड से मीना बाजार में झूला को तैयार किया जा रहा है। पहले की अपेक्षा अब कम दिनों में ही तैयारियां पूर्ण हो जाती है। मेला मैदान में गड्ढे को मिट्टी से पाट दिया गया है। नदी में भी काम देखते ही बन रहा है। गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक,अपर कलेक्टर अविनाश भोई सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मेला स्थल का सतत् दौरा कर चल रही तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।

गंगा आरती घाट पर लोहे का स्ट्रक्चर खड़ा कर मंडप बनाया गया है। महा आरती में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं संगीत-भजन भी चलते हैं। स्नान के लिए कुंड बनाए गए हैं और पानी का लेवल बना हुआ है इससे श्रद्धालु एक साथ बड़ी संख्या में स्नान कर पाएंगे। नदी के अंदर ही रेत पर फर्सी पत्थर से सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है।

 साहू समाज का निशुल्क भोग भंडारा की तैयारी

 साहू समाज राजिम भक्तिन माता समिति द्वारा पिछले साल की भांति इस वर्ष भी भव्य निशुल्क भोग-भंडारा का आयोजन त्रिवेणी संगम मेला स्थल रेत पर किया जा रहा है इस हेतु समिति के अध्यक्ष लाला साहू महासचिव डॉ.लीलाराम साहू रामकुमार साहू,भोले साहू,चोवाराम साहू ने भंडारा स्थल पर पंडाल निर्माण का स्थल निरीक्षण किया

राम की विशाल प्रतिमा होगी आकर्षण का केंद्र

महोत्सव मंच के सामने उत्तर दिशा की ओर प्रभु रामचंद्र की विशाल प्रतिमा राम वन गमन पथ के अंतर्गत तैयार की गई है। यह आकर्षण का केंद्र है। इसके बॉर्डर पर नीचे रामायण कालीन अनेक चित्र बनाए गए हैं। जिससे रामायण के पात्रों को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से दिखाया गया है। नदी में नेहरू पुल से लेकर गंगा आरती घाट तक तट में सीढ़ी बनाई गई है। गेरुआ कलर के पत्थरों का उपयोग किया गया है। इनकी आभा देखते ही बन रही है। यहां प्रमुख रूप से 5 घाट है जिनमें से सोनतीर्थ घाट पवन दीवान आश्रम के सामने हैं। अटल घाट, संगम घाट, नेहरू घाट, बेलाही घाट मौजूद है। इस बार घाटों के अलावा नदी की धार लंबे चौड़े आकार में बह रही है जिससे श्रद्धालु कहीं पर स्नान कर सकते हैं।

लोग चर्चा कर रहे हैं कि मेले में किसी राष्ट्रीय संत को बुलाना चाहिए ताकि उनके प्रवचन सुनने का लाभ लोगों को मिले। इस बार कौन-कौन से कलाकार आ रहे हैं तथा किन की प्रस्तुति होगी, रामायण में किस मंडली को आमंत्रित किया गया है। यह जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है।

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