बेमेतरा

ज्यादातर गांवों में खेल मैदान ही नहीं तो कैसे सामने आएंगे अच्छे खिलाड़ी
04-Feb-2023 2:41 PM
ज्यादातर गांवों में खेल मैदान ही नहीं तो कैसे सामने आएंगे अच्छे खिलाड़ी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 फरवरी।
जिले के स्कूल व गांवों में खेलने के लिए आवश्यक सुविधा सम्पन्न मैदान की कमी है। सुविधाओं की कमी की वजह से गांव के खिलाडिय़ों को दूसरे गांव में जाना पड़ता है। जिले के खेल प्रेमियों का मानना है कि यदि खेल सुविधाओं का विस्तार हो तो जिले से अच्छे खिलाड़ी निकल सकते है। जिले के बेमेतरा जनपद में 110 ग्राम पंचायत , नवागढ़ जनपद में 111 ग्राम पंचायत , साजा जनपद में 106 ग्राम पंचायत एवं बेरला जनपद में 102 ग्राम पंचायत है। इनमें से जिन गांवों मेें मैदान है वहां बिजली आदि अन्य सुविधाओं का अभाव है। कई गांवों में तो गौठान का ही मैदान के रूप में उपयोग किया जाता है।

गांव में खेल को बढ़ावा देने मिनी स्टेडियम बनाने की योजना है, पर आंकड़े इसे भी नाकाफी बताते हैं। आकडों के अनुसार जिले में प्रधानमंत्री गतिशील योजना के तहत 12 मिनी स्टेडियम व खेल मैदान बनाए गए हैं, जिसमें बेरला ब्लाक के ग्राम कुसमी, सोढं, नवागढ ब्लाक के ग्राम टेमरी, मुरता, संबलपुर, कठौतिया, साजा के ग्राम भटगांव व ठेलका, बेमेतरा ब्लाक के दाढ़ी व मउ में मिनी स्टेडियम बनाये गये है। इसके आलावा राज्य अंधोसरंचना मद से बेमेतरा नगर पालिका क्षेत्र में स्टेडियम बनाया गया है। राज्य प्रवर्तित योजना के तहत नवागढ़ में मिनी स्टेडियम व साजा में एक खेल मैदान का निर्माण किया गया है।

आगामी आयोजन के लिए सुधार जरूरी  
प्रदेश में देशी खेल गिल्ली ,डंडा ,कबड्डी, खो-खो, फुगडी, गेड़ी दौड, रस्साकसी, दौड़ व लंम्बीकूद समेत चिन्हीत 14 तरह के, खेल को शामिल करते हुए गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक छत्तीसगढिय़ा ओलपिंक को बढ़ावा दिया गया है जिसमे से जिले के विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं व पुरुषों समेत कुल 75542 खिलाड़ी शामिल है संख्या को देखते हुए आगामी आयोजन के पूर्व गांव में मैदानों को दुरूस्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाना जरूरी है।

166 में से 36 स्कूलों में मैदान की कमी
जिले के चारों विकासखंड में संचालित शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में खेल मैदान ही नहीं हैं। इस वजह से भी खेल संबंधी गतिविधियों को दीगर गांव या उधार के मैदान में कराना पड़ता है। जिले के ग्राम नरी, छिरहा, लोलेसरा, बावांमोहतरा, बटार, सिधौरी बेमेतरा, खिलोरा, खिसोरा, सल्धा,,खुडमुडा, मोहभटठा, भिलौरी, अछोली, लावातरा, अंधियारखोर, साजा, मारो, मोाहतरा, हथमुडी, राजामोहगांव, दरगांव, भटगांव, चेचानमेटा, देवकर, थानखम्हरिया, हाटराका, ओडिया, खैरझिटी कला व अन्य गांव के स्कूल है जहा पर खेल मैदान की सुविधा ही नहीं है। इसके आलावा जिले के 18 स्कूलों में खेल शिक्षकों की कमी है। खेलों व शारीरिक विकास के लिए जरूरी खेल मैदानों की कमी जिले में खेल प्रतिभाओं को निखारने में बाघा साबित हो रही है।
708 राजस्व गांवों में सुविधाओं वाले मैदान केवल 40 के पास
जिले के राजस्व रिकॉर्ड में 708 राजस्व गांव है, जिसमें 6 वीरान है। इनमें से केवल 40 गांव में सुविधा संपन्न खेल मैदान है। जहां रात में भी खेल का आयोजन किया जा सकता है। शेष गांव में मैदान तो है पर सुविधाओं की कमी है। जिला खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण विभाग नागेश्वर तिवारी ने बताया कि जिले के खेल मैदान विहीन स्कूल व गावों की सूची उच्च कार्यालय को भेजी जाएगी, फिरहाल सूची जुटाने का कार्य जारी है।
 

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