बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 फरवरी। जिला अस्पताल में तीन साल पूर्व प्रारंभ किया गया कीमोथैरपी डे केयर सेन्टर चार महिने से प्रशिक्षित डाक्टर के नहीं होने से बंद पड़ा हुआ है। हालात ये हैं कि उपचार के लिए आवश्यक दवाईयों के लिए जारी किया गया एक लाख का बजट भी खर्च नहीं हो पा रहा है। जानकारी हो कि पूरे प्रदेश के जिला अस्पतालों में तीन वर्ष पूर्व कैंसर परामर्श एवं कीमोथैरेपी कैंप के बाद डे केयर सेन्टर प्रारंभ किया गया था।
डे केयर सेन्टर में कीमोथैरिपी से उपचार व स्क्रीनिंग के बाद उपचार के लिए अनुबंधित अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। साथ ही कीमोथैरेपी से डां. कुंदन लाल स्वर्णकार उपचार करना प्रांरभ किया गया था। इसके अलावा कैंसर मरीज के पहचान और इलाज में चिकित्सा अधिकारियों को अनवरत सातों दिन चौबीस घंटे मार्गदर्शन प्रदान करने का दावा किया गया था। डे केयर सेंटर में बीते तीन वर्ष के दौरान पंजीकृत 4 मरीजों का 20 बार अलग-अलग अवधि में आवश्यकतानुसर कीमोथैरेपी किया गया था। 20 सेशन करने के बाद डॉ.स्वर्णकार पीजी करने के लिए अवकाश लेकर जा चुके हैं। प्रशिक्षित डॉक्टर के जाने के बाद से अक्टूबर 2022 से डे केयर सेन्टर में केवल दो सहायक ही है जिनकी वजह से पंजीकृत मरीजो को एक बार फिर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग व भिलाई के लिए रूख करना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में निशुल्क पर निजी में हजारों का खर्च
जिला अस्प्ताल में योजना के तहत मरीजों का कीमोथैरेपी निशुल्क होता है। साथ ही रहने की सुविधा भी दिया जा रहा था। वहीं निजी अस्पताल में कैंसर पीडि़तों के उपचार में प्रति सेशन 10 हजार रूपये व अन्य खर्च करना पड़ता है। एक मरीज को 3 से 7 बार कीमोथैरेपी उपचार स्थिति अनुसार दिया जाता है।
जिला अस्तपाल के डॉ.एसआर चुरेन्द्र ने बताया कि पूर्व प्रशिक्षित डॉक्टर के अवकाश पर जाने के कारण डे केयर सेन्टर में थैरेपी दिया जाना बंद है, जिसे देखते हुए दीगर डॉक्टर को प्रशिक्षण देने के लिए नामित किया गया जिसके लिए अनुमति मिलने के बाद प्रशिक्षण के लिए रवाना किया जाएगा।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही कीमोथैरेपी दिया जाना प्रांरभ किया जाएगा।