रायपुर

अब जगदलपुर हाइवे जाम और महानदी, इंद्रावती भवनों का घेराव आसान
04-Feb-2023 4:43 PM
अब जगदलपुर हाइवे जाम और महानदी, इंद्रावती भवनों का घेराव आसान

तूता में धरना देंगे तो मिलेगी अनुमति, एडीएम का आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 फरवरी। 
अब कर्मचारियों को महानदी और इंद्रावती भवनों का घेराव और रायपुर, जगदलपुर हाइवे जाम  करना होगा आसान। रायपुर एडीएम ने आदेश जारी कर बूढ़ापारा धरना स्थल  बूढ़ापारा नहीं धमतरी रोड से लगा तूता का मैदान होगा। कर्मचारी संघ अब विरोध के ये दोनों तरीकों से शासन, प्रशासन को मजबूर कर सकेंगे।

राजधानीवासियों को महीनों तक चलने वाले धरने और इससे होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल गयी है। क्योंकि अब बूढ़ा तालाब का धरना स्थल शिफ्ट करने का आदेश जारी कर दिया गया है. ये आदेश एडीएम ने जारी किया है. जारी आदेश के मुताबिक  कोई भी संगठन अब किसी भी तरह का प्रदर्शन, धरना और आंदोलन तूता में ही कर सकेंगे. बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल को हटाने की लगातार उठ रही मांग के बीच जिला प्रशासन ने यह निर्देश जारी किया है। हालांकि इस फैसले का कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है।

पिछले दिनों  सभापति प्रमोद दुबे ने रोज प्रदर्शन कर और महापौर एजाज ढेबर, एमआईसी सदस्यों ने कलेक्टर से मुलाकात कर बूढ़ातालाब धरना स्थल को दूसरे जगह हटाने की मांग की थी। शुक्रवार को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रायपुर की ओर से जारी आदेश में तूता को धरना स्थल घोषित कर दिया गया है. वहीं बूढ़ातालाब से धरना स्थल हटाने का विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने विरोध करते हुए मोर्चा खोल दिया है।अपनी मांगों को लेकर बूढ़ातालाब धरना स्थल में प्रदर्शन की अनुमति मांगने पर छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ को जिला प्रशासन ने नवा रायपुर स्थित तूता में प्रदर्शन करने कहा है।
साथ ही कहा गया है कि धरने में अधिकतम एक हजार सदस्य शामिल हो सकते हैं।


जनता की आवाज को दबाने बदल रहे धरना स्थल
धरना स्थल बदले जाने पर भाजपा मीडिया सहप्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि जन घोषणापत्र में किए वादे पूरे नहीं कर पा रही है अब 4 वर्ष के पश्चात जनता आक्रोशित होकर सडक़ों पर उतर रही है तो भूपेश बघेल सरकार और उसके नुमाइंदे इस आवाज को दबाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रपंच रच रहे हैं। और तुगलकी फरमान जारी करके मुख्यमंत्री जनता की आवाज नहीं दबा पाएंगे

दादागिरी जनमत को स्वीकार नहीं
राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल को परिवर्तित कर तूता मैं धरना स्थल बनाने  की योजना जिला प्रशासन की है। यद्यपि ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है। किंतु अप्रत्यक्ष रूप से धरना स्थल का अनुमति न देकर सरकार महापौर व सभापति के धमकी में झुक गई है।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि विधानसभा का टिकट महापौर एजाज ढेबर एवं सभापति प्रमोद दुबे को न मिलने से भूपेश बघेल की सरकार को बदनाम करने 3 दिन का अल्टीमेटम, दीवाल उठाने आदि की धमकी दी गई,और उसमें वे पूर्व सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से सफल भी हो गए। समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था अगर सडक़ खामोश हो जाएगी तो संसद विधानसभा आवारा हो जाएगी। इसका मतलब है कि धरना प्रदर्शन विरोध प्रतिपक्ष नहीं होने पर लोकतंत्र खतरे में हो जाएगा। श्री झा ने आरोप लगाया है कि लगातार 20 साल में धरना स्थल बदलते गए।

उसी धरना स्थल में धरना देकर दोनों राजनीतिक पार्टी के व्यक्ति सत्ता के सुख को प्राप्त किए हैं। अब बूढ़ा तालाब धरना स्थल को हटाकर नए रायपुर ले जाने की योजना है। यद्यपि प्रशासन द्वारा अभी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
किंतु नगरी निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐड़े द्वारा धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगने पर अनुमति न देकर तूता जाने का निर्देश दिया गया है। इससे लोगों को भय हो गया है कि धरना स्थल नया रायपुर तूता जाएगा। श्री झा ने कहा है कि रायपुर राजधानी में पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, हिंदू स्पोटिंग मैदान,गास मेमोरियल मैदान, मुख्यमंत्री निवास के पास योगा के लिए आरक्षित जमीन सहित नए बस स्टैंड में 14 एकड़ सरकारी जमीन विघटित राज्य परिवहन के नाम पर आज भी सुरक्षित है रजिस्ट्री हो गया है।

इसी प्रकार विश्वविद्यालय के सामने राज्य परिवहन के डीपों का 4 एकड़ जमीन राज्य परिवहन के नाम से पंजीकृत है। इन विकल्पों पर बिना विचार किए, कर्मचारी संगठनों ट्रेड यूनियनों को बिना विश्वास में लिए समिति में बिना सदस्य बनाएं केवल विधायक महापौर भाजपा कांग्रेस अध्यक्ष की समिति ने निर्णय ले लिया है। धरना प्रदर्शन को बंद करने रासुका लगाकर कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार करने की एक सोची समझी साजिश है। इसका प्रमाण भी है कि अनियमित कर्मचारी के नेता रवि गढ़पाले, मध्यान भोजन रसोईया कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष नीलू ओंगरे को गिरफ्तार कर 5 दिन जेल में बंद रखा गया था। अभी भी तीन कर्मचारी नेता जेल में बंद है। ऐसी स्थिति में जिस हिसाब से सरकार प्रशासनिक दादागिरी कर रही है,  8 माह में धरना स्थल बदला है तो सरकार भी बदलने की चेतावनी कर्मचारी नेता विजय झा ने दिया है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि शहर के हृदय स्थल मुख्य मार्ग पर स्थित सिंचाई कॉलोनी को तोडक़र कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। वैसे ही बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर भविष्य में कांप्लेक्स बनाने की गुप्त योजना परिलक्षित हो रही है। आज भी बिलासपुर के नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन प्रतिबंध होने के बाद भी निरंतर 10 वर्षों से वहां धरना प्रदर्शन जारी है अति शीघ्र पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन स्थान बदलने के विरोध में नारेबाजी प्रदर्शन कर्मचारी संघों द्वारा किया जावेगा।

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