धमतरी

नगरी, 4 फरवरी। छत्तीसगढ़ में भले ही गांवों की दशा सुधारने के लिए पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा लगातार पंचायतों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ग्राम पंचायत मुनईकेरा के सरपंच महेन्द्र नेताम ने आरोप लगाया कि अन्य विभाग ग्राम पंचायत के कार्यों को अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए दे रहे हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत का हक छीना जा रहा है।
उन्होंने मांग की है कि शाला भवन निर्माण, शाला मरम्मत के कार्य, सामुदायिक भवन एवं अन्य निर्माण कार्य 50 लाख से कम के कार्य पंचायतों को दिया जाय।
यदि ऐसा नहीं किया जा सके तो मनरेगा के कार्यों को भी ठेका पद्धति से कराया जाए।
मुख्यमंत्रीजी ने स्वयं घोषणा किया है कि पंचायत को 50 लाख तक कार्य कराया जाना है, लेकिन उनके कई विभाग द्वारा 50 लाख से कम तक कार्य को पंचायत को एजेंसी नहीं बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत को 50 लाख तक के काम कराने का अधिकार की बात करने वाले पंचायत का निवाला छीनने का काम कर रहे हैं।
पंचायत के कार्यकाल लगभग 3 साल हो गया है विगत दो साल से कोरोना के कारण व शासन से कोई फण्ड नहीं मिलने से पंचायतों में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है।