रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 5 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को खरसिया में पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव एवं एकोत्तरी चैका आरती महायज्ञ में शामिल हुए। कार्यक्रम कबीर पंथ के गुरु पं हुजूर अर्धनाम साहेब, आचार्य, कबीर धर्म स्थान ट्रस्ट खरसिया व धर्माधिकारी साहेब की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल, महंत देवेन्द्र साहेब, महंत प्रीतमदास साहेब, विधायक डोंगरगांव दलेश्वर साहू, संदीप साहू, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डॉ.रामसुंदर दास, अध्यक्ष तेलघानी बोर्ड भी सम्मिलित हुए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में विश्व स्तरीय कबीर संस्थान के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे संस्थान का निर्माण करेंगे जहां एक ही स्थान पर कबीर स्मारक के साथ संग्रहालय और शोध पीठ भी होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा कि कबीर साहेब ने आज से 600 साल पहले जो सीख दी है वे आज भी उतने ही प्रासंगिक और समाज को दिशा दिखाने वाले। इसलिए आज उनके मानने वाले देश-विदेश में फैले हुए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुओं का हमारे जीवन में ईश्वर के समकक्ष स्थान होता है। कबीरदास जी ने स्वयं अपने दोहे में कहा है कि जब गुरु और गोविंद (ईश्वर) दोनों एक साथ मिले तो पहले गुरुओं के चरण स्पर्श करें क्योंकि उन्होंने ही हमारा ईश्वर से परिचय करवाया है। जब तक गुरुओं का आशीष न मिले मोक्ष नहीं मिल सकता है।
कबीरदास जी ने समाज के पाखंड और विकृतियों को अपनी वाणी से दूर करने का कार्य किया और सरल जीवन व्यतीत करने की राह दिखाई। छत्तीसगढ़ में कबीर को मानने वाले बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति तक सभी को साथ लेकर चलने की सीख दी।
उन्होंने कबीर संस्थान ट्रस्ट खरसिया की मांग पर उन्हें आवेदन की हुई भूमि उपलब्ध करवाने के निर्देश कलेक्टर रायगढ़ को दिए। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी संबोधित किया। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती राधा सुनील शर्मा, श्रीमती नयना गबेल, मनोज गबेल, सुनील शर्मा सहित देश-विदेश से पहुंचे हुए कबीर पंथ के अनुयायी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि आचार्यगद्दी कबीर-धर्म स्थान खरसिया कबीरपंथ की गौरवशाली धर्मदासीय परम्परा की सबसे बड़ी गद्दी है। यहां से पूरे विश्व में कबीर साहेब के मूल ज्ञान और उपदेश का प्रचार-प्रसार किया जाता है। पंथश्री हुजूर मुकुन्दमणिनाम साहेब धर्मदासीय वंश व्यालिस परम्परा के सत्रहवें वंशगुरू है।
उन्हीं की स्मृति में स्मृति महोत्सव भंडारा एवं कबीरपंथ की सबसे बड़ी पूजा एकोत्तरी चैका आरती का आयोजन किया जा रहा है। इस महा महोत्सव में देश-विदेश से हजारों की संख्या में संत-महंत, भक्त श्रद्धालु जन पधारे हुए हैं।