रायपुर

पहले भी मंडल-कमंडल के नाम पर हुई राजनीति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 फरवरी। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने रामचरित मानस विवाद पर कहा कि धर्मग्रंथों को लेकर सियासत हो रही है। लगातार इस देश में राजनीति धु्रवीकरण का प्रयास करती रहती है। पहले भी मंडल-कमंडल के नाम से इस तरह की राजनीति की गई है। आगे उन्होंने कहा, कई तरह से धु्रवीकरण के प्रयास किए जाते हैं। धर्म के आधार पर धु्रवीकरण हो रहा है। हिंदू समुदाय को दो भागों में बांटने की साजिश चल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म ग्रंथ के बारे में बोलने का अधिकार केवल धर्माचार्य को होना चाहिए, राजनीतिज्ञ को नहीं. जब राजनीतिज्ञ धर्म ग्रंथ के बारे में बोलता है, तो समझ लेना चाहिए कि धर्म ग्रंथ को मुद्दा बनाकर राजनीति की जा रही है।
सरसंघचालक मोहन भागवत के जातियों पर बयान को लेकर शंकराचार्य ने कहा, उन्होंने कोई रिसर्च किया होगा, उनसे पूछना होगा कि किस रिसर्च के फलस्वरूप ये जानकारी उन्हें मिली है। हम यही जानते हैं कि चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गीता में भगवान ने कहा है। वे किस आधार पर ये कह रहे हैं उनकी बात जानने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।