रायपुर

क्रेडा के अनुबंधित तकनीशियनों का प्रदर्शन नियमितीकरण या संविदा की मांग कर रहे
06-Feb-2023 7:48 PM
 क्रेडा के अनुबंधित तकनीशियनों का प्रदर्शन नियमितीकरण या संविदा की मांग कर रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 6 फरवरी। सौर सुजला योजना के तहत क्रेडा के साथ कांट्रेक्ट पर मेंटेनेंस की सेवाएं दे रहे सेवाकर्ता  तकनीशियन संघ ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर सोमवार को क्रेडा मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इस संबंध में क्रेडा के अधिकारी श्री त्रिवेदी ने कुछ भी कहने से इंकार किया।

क्रेडा द्वारा राज्य में स्थापित सोलर ड्यूल टैण्ड पंप, सोलर पावर प्लॉट सोलर हाई मास्ट, सौर सुजला योजना, सोलर होम लाईट एवं जल जीवन मिशन के संचालन, संधारण के लिए पहली बार अक्टूबर 14 में भर्ती की गई थी। इसके तहत 2016 तक इन्हें संविदा आधार पर  नियुक्त किया गया था। और सितम्बर 16 को यह व्यवस्था खत्म करते हुए रूचि के अभिव्यक्ति अंतर्गत (अनुबंध) कलस्टर इकाई बतौर रखा गया। इसके बाद  2021 तक क्लस्टर तकनिशियन पद पर रखा गया और 2021-22 में सेवाकर्ता इकाई के रूप में परिवर्तित किया गया। क्रेडा द्वारा स्थापित सौर संयंत्रों का संचालन संधारण एवं रखरखाव के लिए दुर्गम स्थल,

दुरस्त अंचल व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक जा कर ग्राम विद्युतिकरण एवं पेयजल के लिए अपनी

सेवायें निरंतर दे रहे हैं। और विगत कुछ वर्षों में राज्य के कई जिले में सेवाकर्ता इकाईयों का दुर्घटना

हुआ है जिसमें कई सेवाकर्ताओं ने अपने हाथ पैर गंवा दिए और  मृत्यु हो गई। एक सेवाकर्ता की तो नक्सलियों ने जन चौपाल में निर्मम हत्या कर दी थी। किन्तु शासन प्रशासनके द्वारा इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया। जिस कारण से हम समस्त सेवाकर्ता इकाई अपने और परिवार के भविष्य को लेकर असहाय महसूस कर रहे हैं। हम सभी सेवाकर्ता इकाई विभाग के आदेशानुसार अपने कार्य को पूर्ण जिम्मेदारी से विगत 8-10 वर्षों से निर्वह करते आ रहे हैं, अनुबंध प्रक्रिया लागू होने के कारण इनकी नौकरी की भी सुरक्षा नहीं है।

 वर्तमान में नौकरी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेवाकर्ताओं  की मांगों  पर विचार करने की जरूरत है।

इनमें सेवाकर्ताओं की नियुक्ति में  अनुबंध सिस्टम को हटा कर एक ऐसी व्यवस्था में रखा जाए जब तक नियमित नहीं हो जाते तब तक जॉब गारंटी दी जाए व किसी भी प्रकार से सेवाकर्ताओं की छंटनी न हो। ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या कोई अन्य प्रकार से हानि होने पर  पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन लेते हुए परिवार को आर्थिक सहयोग किया जाए।


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