जान्जगीर-चाम्पा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 7 फरवरी। बुधवारी बाजार रंगमंच प्रांगण बलौदा में नव दिवसीय अखंड नवधा रामायण महोत्सव के अष्टम दिवस बुधवार चंचल ज्योति मानस परिवार छूही धमतरी की प्रस्तुति हुई, जिसमें दूर गांवों से आए मंडलियों ने रामकथा सुनाई।
बुधवार शाम कथा में चँचल ज्योति मानस मंडली के कथाकार सुश्री चँचल बाला साहू व्याख्याता हिंदी शा आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अभनपुर ने आज रामचरितमानस के लंकाकांड से कथा प्रारंभ की और नारी जागरण पर व्याख्यान करते हुए कहा कि नारी शक्ति जगत की जननी है।
नारी न होती तो ये दुनिया न होता। नारी को हम अलग-अलग रूप में कभी सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, काली, के रूप घरों में माता, रूपी बहन, बेटी के रूप में हैं। उन्होंने कहा कि बेटी को माता-पिता एक समय सीमा तक अपने नजरों के सामने रखते हैं। योग्य होने पर विवाह के बाद उसकी विदाई कर देते हैं। कथाकार ने कहा कि बड़े के अवगुणों का नकल न करे। मानव जीवन मिला है इसे मानव की तरह ही जीये।
भाईयों आपस मे मिल जुल कर रहना चाहिए, राम के आदर्शों का अनुशरण करें,कलयुग में राम नाम की भक्ति के बिना आत्मा को मुक्ति नहीं मिलेगी। इसलिए रामनाम जपते रहना हैं। मानस मंडली ने भगवान के लंकाकाण्ड में श्री राम जी और समुद्र जी के संवाद की कथा सुनाई। जहां श्री राम जी ने समुद्र तट पर बालू से भगवान शिव जी स्थापना की और समुद्र से लंका जाने के लिए रास्ते की मांग की थी।
अखंड नवधा रामायण कथा विश्राम गुरुवार को होगा,और शुक्रवार को पूर्णाहुति, हवन,सहस्त्र धारा के साथ समापन होगा।