महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 फरवरी। नगर में विगत 4 दिवस से जारी 108 कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का समापन 6 फरवरी को हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चतुर्थ दिवस का प्रारंभ 108 कुंडों में यज्ञ के साथ हुआ यज्ञ में गायत्री मंत्र के साथ साथ महामृत्युंजय मंत्र, संगठन संवर्धन, राष्ट्र निर्माण, पर्यावरण संवर्धन, सूर्य , सरस्वती, गणेश, दुर्गा आदि देवताओं के गायत्री मंत्र के साथ आहुतियां दी गई।
अंतिम दिवस लगभग 20 हजार लोगों ने आहुतियां दी। प्रथम दिवस सर्वतो भद्र की स्थापना देवा मार्ग में कर सभी देवताओं को आवाहित कर विराजित किया गया था , जिनकी आज एक एक कर संगीत मय मंत्रों के साथ विदाई दी । मुख्य मंच से ही आज भी 50 लोगों ने गायत्री मंत्र की गुरु दीक्षा ग्रहण की।
इस भव्य आयोजन के दौरान ही संस्कार प्रकोष्ठ में विभिन्न संस्कार जिनमे पुंसवन संस्कार 61 ,नामकरण 4 , अन्न प्राशन 8 , मुंडन 35, दीक्षा 105, विद्यारंभ 87, जन्मदिवस 5 विवाह संस्कार 4, इस प्रकार 4,5 एवम 6 फरवरी तक कुल 309 संस्कार संपन्न हुए। आविवाहित देवताओं की विदाई के साथ ही मुख्य मंच से सर्वे सुखिना: भवन्तु की कामना कर एवं राष्ट्र नव निर्माण का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य मंच से केंद्रीय टोली के सभी सदस्यों का तिलक एवम स्मृति चिन्ह यज्ञ समिति की तरफ से भेंट कर सम्मानित किया गया।
यज्ञ समिति द्वारा विगत 2 माह से जिले भर से यज्ञ की विभिन्न तैयारियों जैसे प्रचार प्रसार, यज्ञ स्थल निर्माण, झांकी एवम सजावट, आवास व्यवस्था, जल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, सुरक्षा,चिकित्सा सेवा, भोजनालय , यज्ञ के उपाचार्य सहीत समस्त कार्यकर्ता , प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नगर एवम जिले के समस्त जनप्रतिनिधि एवम गणमान्य नागरिकों और सहयोगकर्ताओ का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समस्त कार्यक्रम को सफल बनाने में जिले के गायत्री परिवार के वरिष्ठ जन, युवा मंडल, महिला मंडल, प्रज्ञा मंडल गायत्री परिवार के समस्त परिजनों का विशेष योगदान रहा।