रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 फरवरी। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ द्वारा नियमितीकरण की मांग के लिए बूढ़ातालाब में अनुमति न मिलने से 28 किलोमीटर दूर तूता के प्रस्तावित धरना स्थल में 5 हजार से अधिक कर्मचारियों को वहां कोई सुविधा नहीं मिली। एक कर्मचारी को मिर्गी आने पर फर्स्ट एड भी नहीं मिला।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे के नेतृत्व में बस्तर, सरगुजा जैसे दुरस्त आदिवासी क्षेत्रों से पहुंचे महिलाओं को सुविधा का अभाव स्पष्ट परिलक्षित हुआ। आंदोलनकारियों की सभा को कर्मचारी नेता विजय कुमार झा, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक अजय तिवारी ने संबोधित कर चुनावी जनघोषणा पत्र में किए गए वादाखिलाफी से आक्रोशित कर्मचारियों को लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ठेस पहुंचाते हुए जबरिया नवा रायपुर भेजा गया। जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के कर्मचारियों को भी पहुंचने में तकलीफ हुई। महापौर द्वारा वहां 100 मकान होने की बात कही गई। लेकिन धरना स्थल पर 50 झुग्गी झोपड़ी गरीबों की है यह आंदोलन में धरना स्थल बदलने के खिलाफ एवं नियमितीकरण की मांग के लिए था। भविष्य में बजट सत्र एवं वर्ष 2023 के चुनाव के पूर्व हजारों प्लेसमेंट कर्मचारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, मिशन क्लीन सिटी, एवं स्वच्छता कमांडो के कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने की मांग मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से की गई है। इन गरीबों से वादाखिलाफी होने पर इनके आक्रोश का सामना छत्तीसगढ़ सरकार को करना पड़ेगा।