कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 7 फरवरी। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने एवं रेप के आरोपी को कोर्ट ने बीस वर्ष कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
इस प्रकरण में शासन की ओर हेमंत गोस्वामी, विशेष लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में विशेष लोक अभियोजक हेमंत गोस्वामी ने बताया कि आरोपी महेन्द्रो सुना(35 वर्ष) जाड़ागुड़ा गुण्डापदर, थाना -उमरकोट, जिला-नवरंगपुर(ओडिशा) के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 366, 366 क, 376(2)(ढ) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत आरोप है कि उसने 4 नवंबर 2021 को थाना माकड़ी जिला कोण्डागंाव क्षेत्रान्तर्गत में नाबालिग पीडि़ता जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी, को बहला फुसलाकर भगाया एवं रेप किया।
हेमंत गोस्वामी ने पीडि़ता के नाबालिग होने के संबंध में बताया कि अभियोजन द्वारा प्रकरण में दस्तावेज के रूप में पीडि़ता के प्राथमिक शाला का दाखिल खारिज रजिस्टर को प्रस्तुत किया गया, जिसे प्राथमिक शाला के शिक्षका द्वारा प्रमाणित कर पीडि़ता की जन्मतिथि 25.03.2004 होना बताया गया एवं घटना दिनांक 4.11.2021 को पीडि़ता की उम्र 17 वर्ष 7 माह 11 दिन होकर अव्यस्क होकर बालक की श्रेणी में आती थी।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीशए एफ.टी.एस.सी.(पोस्को), कोण्डागंाव के न्यायाधीश कमलेश कुमार जुर्री ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 363 एवं 366 के भां.दं.सं. में क्रमश: 5 -5 वर्ष के कारावास एवं 1000-1000 रू.के अर्थदण्ड, धारा 376(2)(ढ) भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000 रू. के अर्थदण्ड, धारा एवं धारा 6 लैंगिंग अपराधों का सरंक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000/- रूपये के अर्थदंड, अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के व्यतिक्रम पर क्रमष: 01-01-01 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेष पारित किया गया है ।