कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 8 फरवरी। वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर कोरिया जिले के सहायक शिक्षक बीते 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर चले गये है और आज 8 फरवरी को तीसरे दिन भी कोरिया जिला मुख्यालय बैकुठपुर के प्रेमाबाग प्रांगण में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरूष सहायक शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन में शामिल रहे। कई वर्षों से वेतन विसंगति की मांग को लेकर सहायक शिक्षक हड़ताल समय-समय पर करते रहे।
इसी बीच पूर्व में एक कमेटी भी बनाई गयी थी लेकिन गठित कमेटी अपना रिपोर्ट अब तक प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिससे क्षुब्ध होकर प्रदेश संगठन के आव्हान पर जिले के सहायक शिक्षक छग शिक्षक फेडरेशन एवं समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले 6 फरवरी से अनिश्चित कालीन आंदोलन कर रहे है। जिले के सोनहत एवं बैकुंठपुर ब्लाक मुख्यालय में सहायक शिक्षक जुटकर आंदोलन कर रहे है।
जिले के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक शिक्षकों के अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने के कारण जिले के प्राथमिक विद्यालयों में पढाई ठप्प हो गया है। जिन विद्यालयों के सहायक शिक्षक आंदोलन पर चले गए। उन विद्यालयों में वैकल्पिक व्यवस्था शिक्षकों की गयी है, लेकिन पहली से पांचवी तक पढ़ाने के लिए एक शिक्षक की वैकल्पिक व्यवस्था पर्याप्त नहीं है जिस कारण स्कूल का संचालन हो रहा है तथा मध्यान्ह भोजन चल रहा है। इसके अलावा प्रमुख कार्य अध्ययन अध्यापन प्रभावित हो रहा है।
कई सहायक शिक्षक हड़ताल से दूर
छग शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय निकाय के आव्हान पर अपनी मांगों को लेकर सहायक शिक्षक उक्त संगठन के बैनर तले हड़ताल पर चले गये है, लेकिन छग टीचर एसोसिएशन से जुड सहायक शिक्षक हड़ताल पर नहीं है। वे इस संगठन के हड़ताल से दूरी बनाये हुए है और अपने अपने विद्यालयों में नियमित रूप से अध्यापन कार्य करा रहे है। इस तरह सहायक शिक्षकों के कुछ गुट चल रहे आंदोलन का समर्थन नहीं कर रहे है। ऐसे में छग शिक्षक फेडरेशन का अनिश्चितकालीन आंदोलन ज्यादा दिनों तक नहीं चलने की संभावना लग रही है। आने वाले समय में परीक्षा का समय है ऐसे समय में शिक्षकों के हड़तार्ल पर चले जाने से विद्यालयों में पढाई बाधित हो रही है।
आंबा कार्यकर्ता भी हड़ताल पर
सहायक शिक्षकों की हड़ताल शुरू होने के पूर्व से ही जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पहले से हड़ताल कर रहा है। जिसके कारण जिले के आंगन बाड़ी केंद्रों में ताला लटका हुआ है और बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से मिलने वाला पेाषण आहार नहीं मिल रहा है, वहीं किशोरियों एवं गर्भवती माताओं केा सुविधाओ ंका लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने से टीकाकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।