कांकेर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 16 फरवरी। बस्तर में एक बार फिर तेंदूपत्ता का सीजन आ गया है। ऐसे में केशकाल वनमंडल अंतर्गत अच्छी गुणवत्ता एवं अधिक संग्रहण के लिए तेंदूपत्ता के शाखकर्तन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में सभी फड़ मुंशियों को प्राशिक्षण देने के उद्देश्य से वन मंडल परिसर के सभागार में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें केशकाल व बड़ेराजपुर वन परिक्षेत्र के सभी फड़ मुंशियों व वनकर्मियों ने भाग लिया।
लगभग 2-3 घण्टे तक चली इस कार्यशाला में एसडीओ सुषमा नेताम व अन्य ट्रेनरों के द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से बेहतर शाखकर्तन व अधिकाधिक संग्रहण के संबंध में आवश्यक जानकारियां दी गई, वहीं दूर दराज से आए फड़ मुंशियों ने इतने लंबे प्रशिक्षण के बाद विभाग द्वारा प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भोजन की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण काफी नाराजगी भी जाहिर की।
भोजन व्यवस्था न मिलने से फड़ मुंशियों में नाराजगी
इस दौरान फड़ मुंशी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष रतनसिंह नाग व जिला सचिव पियाराम सिन्हा ने बताया कि प्राशिक्षण हेतु कार्यशाला तो काफी बढिय़ा रही। लेकिन विभाग को यह भी ध्यान रखना था कि जो केशकाल ब्लॉक मुख्यालय के सूदूरवर्ती गांव से आए हैं उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी रखी जानी चाहिए थी। यहां केवल नाश्ते की व्यवस्था की गई थी, वह भी बहुत से लोगों को नहीं मिल पाया। वन विभाग की इस अव्यवस्था के कारण सभी फड़ मुंशियों में नाराजगी व्याप्त है।
वहीं डीएफओ गुरुनाथन एन. का कहना है कि केशकाल वनमंडल में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। साथ ही हम इमली और महुआ की भी अधिक से अधिक खरीदी कर लोगों को लाभ पहुंचाने की रूपरेखा तैयार की गई है।
भोजन की व्यवस्था के सम्बंध में डीएफओ ने बताया चूंकि इस बार केशकाल व फरसगांव दो जगहों पर प्राशिक्षण कार्यशाला रखी गई है, जो कि कुछ ही घण्टों में समाप्त हो जाती है। ऐसे में भोजन की व्यवस्था न करते हुए सभी लोगों के लिए नाश्ते की व्यवस्था रखी गई थी।