गरियाबंद
मैनपुर, 25 फरवरी। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व बफर जोन वन परिक्षेत्र तौरेंगा के गांव जरहडीह में बीते बुधवार को हाथी ने बुधराम मरकाम को कुचल कर मार डाला था। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला प्रभारी महेद्र नेताम एवं संरक्षक आदिवासी विकास परिषद टीकम नागवंशी जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति में कहा सही समय में हाथियों की जानकारी मिल गई होती तो बुजुर्ग को गांव के ग्रामीण एवं परिवार वाले बचा लेते लेकिन ऐसा नहीं हो सका बुजुर्ग के परिवार को तत्कालीन सहायता राशि वन विभाग के द्वारा 25000 रूपये दी गई है पीडि़त परिवार को मुआवजा राशि 10 दिन के अंदर दिया जाए।
जंगली हाथी के हमले में मौत होने पर पीडि़त परिवार को कर्नाटक सरकार 7.30 लाख से बढ़ाकर 15 लाख देती है। पश्चिम बंगाल में 4 लाख मुआवजे के अलावा हाथियों के द्वारा मारे गए पीडि़तों के परिजनों को होमगार्ड की नौकरी दी जाती है हमारी सरकार भी और राज्यों की तरह मुआवजा राशि और नौकरी दें फसलों को नुकसान पहुंचाने पर प्रति एकड़ 40 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करें । हाथियों को उनके मूल निवास जंगल तक पहुंचाने का प्रबंध सरकार करें जंगलों की कटाई पर शीघ्र रोक लगाई जाए जिससे हाथियों को अपने निवास क्षेत्र से पलायन करने की जरूरत ना हो। अगर समय पर मुआवजा नहीं मिला तो समिति आंदोलन का रुख अख्तियार करेगी।