रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 मार्च। सरकार ने अपने तरफ से स्वास्थ सेवाओं को आम जन से जोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ रही और इस तरह की तमाम सुविधाओं का ढोल भी पीटा जा रहा है लेकिन कई बार इस तरह की सुविधाओं का लाभ जब जरूरतमंद तक नहीं पहुंच पाती तो सवाल उठता है, शासन पर प्रशासन पर।
ऐसा ही एक वाक्या रायगढ़ जिले के नवापारा बी गांव का है जहां एक प्रसूता को बार-बार फोन करने के बाद भी न तो 112 की सुविधा मिली न ही संजीवनी 108 की। वो तो कहिए कि एक निजी गाड़ी वाले ने उसकी परेशानियों को देखकर उसे अस्पताल ले गया नहीं तो प्रसूता की जान बचानी मुश्किल थी। हालांकि स्थानीय अस्पताल ने भी उसे जवाब दे दिया और रायगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन वक्त पर मेडिकल कॉलेज पहुंच जाने से उसकी जान बच गई।जानकारी के अनुसार पुसौर थानतर्गत नवापारा बी निवासी छाया 08 माह की गर्भवती थी, शनिवार शाम को अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई।
दरअसल उसे रक्तस्त्राव चालू हो गया। उसका परिवार काफी गरीब है इसलिए उन्होंने पहले महतारी एक्सप्रेस, 112, 108 सबको फोन लगाया। लेकिन उनकी ओर से गाड़ी उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई। आखिर थक हार कर उन्हें एक निजी वाहन मिला तब वे गाड़ी किराया कर पुसौर अस्पताल पहुंचे। पुसौर अस्पताल ने मरीज को देखते ही कहा कि मरीज की स्थिति काफी खराब है। दरअसल उसका रक्तस्राव देर से हो रहा था, क्योंकि वे महतारी एक्सप्रेस, 112 और 108 वहां का इंतजार कर रहे थे। पुसौर के चिकित्सक ने मरीज को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।फिर उसी निजी वाहन से वे रायगढ़ मेडिकल कालेज पहुंचे तब उसका इलाज शुरू हुआ। हालांकि मरीज वहां अभी भर्ती और इलाज जारी है, लेकिन खतरे से बाहर है।
इस संबंध में जानकारी लेने और स्वास्थ विभाग का पक्ष जानने जब सीएमएचओ को फोन किया गया तो उनका फोन लगातार आउट ऑफ कवरेज मिला लिहाजा उनका पक्ष हमें नहीं मिल पाया।