जान्जगीर-चाम्पा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 14 मार्च। रंग पंचमी के अवसर पर प्रति वर्ष की भांति पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात धूमधाम से निकली। परंपरा के अनुसार इस अवसर पर देश के अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधु बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शिरकत करते हैं और शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं। मान्यता है कि बाबा कलेश्वर नाथ के दर्शन मात्र से ही निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है। वहीं पेट संबंधी पुराने से पुराने रोग से भी निजात मिलती है। जांजगीर के पीथमपुर स्थित बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगों की अगाध आस्था है। लोग बाबा कालेश्वर नाथ को क्लेश हरने वाला मानते हैं। यही वजह है कि रंग पंचमी के दिन बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।
पीथमपुर में शिव बारात निकालने की प्राचीन परंपरा है। यह बारात बाबा कलेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ होकर वापस मंदिर में समाप्त होती है। बारात के दौरान चांदी विशाल पालकी में बाबा कलेश्वर नाथ को नगर भ्रमण कराया जाता है। हसदेव नदी के तट पर प्रतिमा को स्नान करा कर महा आरती की जाती है।
इस अवसर पर आसपास सहित दूर दराज के लोग शामिल होकर बाबा के दरबार में मत्था टेकते हैं। सुरक्षा के मद्देनजर सैकड़ों पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। रंग पंचमी के दिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
15 दिवसीय मेला की शुरुआत
महाआरती के बाद बाबा कलेश्वर नाथ की मूर्ति को वापस मंदिर में स्थापित किया। इस बारात में अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधुओं की भूमिका अहम रहती है, जो अपने अखाड़ों का शौर्य प्रदर्शन करते हैं। पीथमपुर में बाबा कलेश्वर नाथ की बारात के बाद रंग पंचमी के दिन से 15 दिवसीय मेले की शुरुआत हो गई, जिसमें प्रदेश भर से दर्शनार्थी शामिल होने पहुंचे हैं।
रंग पंचमी में बाबा के दर्शन से निसंतान महिलाओं को बड़ा लाभ
लोगों का मानना है कि रंग पंचमी के दिन कलेश्वर बाबा के दर्शन करने से कई लाभ होते है। इसमें सबसे बड़ा लाभ निसंतान महिलाओं को होता है। यदि किसी को पेट की पुरानी समस्या है, तो वह भी दूर हो जाती है। यही कारण है कि लोग यहां बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।