गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 16 मार्च। पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव का बजट 2023-24 में शासकीयकरण करने पंचायत मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था, किन्तु बजट में पंचायत सचिव के शासकीयकरण के संबंध में कोई पहल नहीं होने से छ.ग. के समस्त पंचायत सचिवों में रोष व्याप्त है। जिसके चलते प्रंतीय पंचायत सचिव संघ के आव्हान पर जिले के पांचों ब्लाक के पंचायत सचिव एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण करने की मांग को लेकर कलम बंद निश्चिितकालीन धरना पर बैठ गए।
गुरुवार को स्थानीय गांधी मैदान में सरकार से एक सूत्र मांग को लेकर पर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव संघ की केवल एक ही मांग है, जो शासकीयकरण करना है वहीं सचिव संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले के पांचों विकास खण्ड के 336 पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर अपने अपने ब्लाक मुख्यालय में कलम बन्द निश्चितकालीन धरना पर बैठ गये।
पंचायत सचिव संघ पदाधिकारी ने बताया कि महामारी दौरान पंचायत सचिवों ने जान जोखिम में डालकर सरकार के टीकाकरण अभियान को शत-प्रतिशत संपन्न कराया। राज्य सरकार की महत्व नरवा, रवा, गरज, बाड़ी व अन्य योजनाओं को सफल बनाने में सचिव सरकार साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम कर रहे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव का बजट 2023-24 में शासकीयकरण करने पंचायत मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था किन्तु बजट में पंचायत सचिव के शासकीयकरण के संबंध में कोई पहल नहीं होने से छ.ग. के समस्त पंचायत सचिवों में रोष व्याप्त है।
छ.ग. पंचायत सचिव संगठन के प्रांतीय बैठक 6 मार्च में लिये गये निर्णय के अनुसार पंचायत सचिव के एकसूत्रीय मांग परिविक्षा अवधि पश्चात् शासकीयकरण के संबंध में दिनांक 15 मार्च तक सकारात्मक पहल नहीं कि जाती है तो छ.ग. में कार्यरत सभी पंचायत सचिव दिनांक 16 मार्च से काम बंद कलम बंद कर निश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गये।