बेमेतरा

किसानों ने की बीमा क्षतिपूर्ति देने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 19 मार्च। कल अलसुबह तेज हवा के साथ बारिश होने से जिले में मैासम सर्द हो गया है। बारिश की वजह से खेतों में गेंहू की फसल गिर गई है। काट कर रखे गये चना, मसूर तिवरा व बगैर काटे गये चने की फसल भी बारिश की वजह से प्रभावित हुई है। सब्जी की फसल पर भी इस बेमौसम बारिश का असर होने का अंदेशा है। बिजली सेवा बाधित रही। दिन का मौसम सर्द रहा है।
मौसम में बदलाव का सिलसिला जारी है। शनिवार को जिला मुख्यालय समेत साजा बेरला, थानखम्हरिया नवागढ़ समेत अनेक इलाकों में बारिश हुई है। अलसुबह से हवा के साथ बारिश होने और आसमान पर काले बादल छाये रहने की वजह सें सूर्य के दर्शन देर से हुए। प्रदेश में मौसम विभाग द्वारा बारिश को लेकर ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें बेमेतरा जिला समेत कोरिया, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, में येलो अलर्ट जारी किया गया है। वही आरेंज अलर्ट वाले तीनों जिला मुंगेली , कबीरधाम व बिलासपुर जिला बेमेतरा जिला से जुड़ा हुआ जिला है। इसी वजह से इन जिलों के करीब वाले गांव में अधिक बारिश व हवाएं चली हैं। मौसम विभाग ने 12 घंंटे में अधिक बारिश होने की संभावना जताई है। लोगो को फसल और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की अपील विभाग द्वारा की गई है।
सुबह घंटों बिजली बंद रही, पेयजल सप्लाई हुआ प्रभावित
जिला मुख्यालय में सुबह करीब डेढ़ घंंटे तक बिजली बंद रही है। सुबह बिजली बंद रहने की वजह से नगर के विभिन्न वार्डों में पावरपंप के बंद रहने की वजह से जलापूर्ति प्रभावित रही है। बिजली सप्लाई बहाल होने के बाद शहर में पेयजल सप्लाई प्रारंभ किया गया । इसके आलावा बिजली आने के बाद भी शहर के नयापारा वार्ड, बाजार पारा समेत अनेक इलाके में लो वोल्टेज की समस्या रही है। शहर के वार्ड 11 वार्ड में पानी निकासी की समस्या नजर आई। पार्षद नीतू कोठारी ने अपने वार्ड की समस्या को देखते हुए निराकारण करने की बात कही है।
चने की फसल को नुकसान
नवागढ़, छिरहा, मजगांव, बिरसिंघी, बैहरसरी सहित आसपास के गांवों में शनिवार को सुबह तेज गरज चमक के साथ जमकर बारिश हुई। इससे पक चुके एवं कट चुके चने की फसल को बड़ी क्षति हुई है। किसान संतोष साहू ने बताया कि किसान खेत से फसल खलिहान लाने की तैयारी में थे इसी बीच यह आफत आ गई। राज्य सरकार तत्काल सर्वे कराए।
चना, गेहूं की फसल को नुकसान
अंचल में दो दिनों से मौसम अनुकूल नहीं होने और बारिश से हजारों एकड़ में किसानों की खेत में खड़ी चने गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसे लेकर किसान चिंतित हैं। खेत में खड़ी फसल की बोनी को लेकर किसानों ने सहकारी समितियों से केसीसी अंतर्गत खाद बीज नगद ऋण लिया है और उस ऋण में किसानों की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा किया गया ऐसे में अब फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
मौसम और बारिश से किसानों की फसल को हुए नुकसान को दृष्टिगत रखते हुए सेवा सहकारी समिति मर्यादित साजा के निवर्तमान अध्यक्ष कृष्णा राठी ने शासन प्रशासन से किसानों के फसल नुकसान का तत्काल निरीक्षण कर किसानों को उचित बीमा क्षतिपूर्ति राशि अविलंब दिए जाने की मांग की है।
रबी फसल पर इस बार भी मौसम की मार
मौसम की वजह से रबी फसल इस साल भी प्रभावित हुई है। जिले में चना 65 हजार हेक्टेयर, मटर 554 हेक्टेयर, मसुर 2850 हेक्टेयर, उडद 321 हेक्टेयर, तिवरा जैसे दलहन फसल के आलाव विभिन्न किस्म के 2016 हेक्टेयर रकबे की फसल पर मौसम की वजह से खतरा बढ़ गया है। किसान नेमीचंद , भगवती वर्मा , संतोष वर्मा ने बताया इस तरह की स्थिति में खड़ी फसल को नुकसान है। आने वाले 12 घंंटेे में इसी तरह की स्थिति होने पर और क्षति होने का खतरा बढ़ गया है।
जिला महामंत्री किसान मोर्चा गोविंद पटेल ने बताया कि बेमौसम बरसात से किसानों को बहुत क्षति हुई है किसानों के मेहनत पर एक प्रकार से पानी फिर गया है। किसानों ने चार पांच महीना ठंड में धूप में मेहनत कर चने तीवरा गेहूं और टमाटर की फसल लगाई थी जिसको अचानक बारिश से बहुत नुकसान किसानों को पहुंचा है। पूरी मेहनत किसानों की खेतों में पड़ी है।