कवर्धा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 19 मार्च। छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव में पिछले 30सालों से भोरमदेव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है महोत्सव में स्थानीय कलाकारों की अवहेलना का आरोप लग रहे हैं।
कुछ स्थानीय कलाकारों ने महोत्सव में नौकरशाही और राजनीति हावी होने का आरोप लगाया है। कुछ स्थानीय कलाकारों ने बताया कि कि उनके द्वारा लगातार 10 वर्षों से आयोजन में भाग लेने के लिए आवेदन करने के बाद भी उनकी मांगों को ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इस विषय में बोड़ला के छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक लोक कला मंच ‘लोक अनुहार’ के राकेश सेन एवं लोक कला मंच धरती के सिंगार बांस भीरा के ज्ञान दास मानिकपुरी शेर सिंह उईके सुमिरन दास मानिकपुरी छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक संस्था, मोर करौंदा सहित अनेक स्थानीय कलाकारों ने प्रशासन से सवाल पूछा है कि भोरमदेव महोत्सव में स्थानीय कलाकारों में लगातार 10 वर्षों से कुछ दो-चार सांस्कृतिक संस्थाओं को कार्यक्रम में प्रस्तुति के लिए लगातार बुलाया जा रहा है। इस विषय में लोके अनुहार के राकेश सेन ने कहा कि कबीरधाम जिले में स्थानीय स्तर पर कुछ चुनिंदा कलाकार हैं जिनको कार्यक्रम में स्थान दिया जाता है और अन्य कलाकारों का चयन समिति क्यों नहीं करती। उन्होंने कहा कि चयन समितियों के द्वारा नाममात्र की कुछ चुनिंदा स्थानीय कलाकारों को लगातार निमंत्रण दिया जा रहा है जिससे नवोदित कलाकारों को बड़ा मंच नहीं मिल पा रहा है।
पुराने लोगों को निमंत्रण देकर शासन-प्रशासन के द्वारा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है और बाकी जिले के नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान नहीं किया जाता इससे उनको लगता है कि उन्हें नजरअंदाज एवं उपेक्षित किया जा रहा है।
श्री चंद्र सेन ने बताया कि वे लगातार 2013 से भोरमदेव महोत्सव में प्रस्तुति के लिए अपनी सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए महोत्सव के पूर्व आवेदन कर रहे हैं लेकिन उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया जा रहा है हर वर्ष मंच पर प्रस्तुति देते चुनिंदा वही पुराने कलाकार नजर आते हैं बाकी अन्य नवोदित कलाकारों को जो कि सांस्कृतिक गतिविधियों को और लोक विधाओं को प्रस्तुत करने की हसरत लिए बड़े मंच में प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक रहते हैं उनको मंच नहीं मिल रहा है ।
उन्होंने शासन और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेटिंग के तहत और राजनीतिक दल के सिफारिशों के आधार पर ही उन्हें पुराने कलाकारों से कार्यक्रम में प्रस्तुति कराया जाना उचित नहीं है नए कलाकारों को भी रोटेशन के आधार पर मंच मिलना चाहिए। इस विषय में वे आगे पत्र लिखकर अपना विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है।