बस्तर

बस्तर की संस्कृति अपने आप में धरोहर है- फिलिप
21-Mar-2023 9:52 PM
बस्तर की संस्कृति अपने आप  में धरोहर है- फिलिप

फ्रांस से घूमने आए पति-पत्नी को साप्ताहिक बाजार लगा अच्छा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 21 मार्च।
बस्तर में रोजाना दर्जनों विदेशी लोगों का जमावाड़ा लगा रहता है, लेकिन फ्रांस में कृषि विभाग में काम करने वाले फिलिप को यहाँ पर उगाने वाले चावल के साथ ही खेती बाड़ी काफी पसंद आई। वे भारत की यात्रा अपनी पत्नी के साथ 8 बार कर चुके हैं, लेकिन बस्तर पहली बार आते ही उन्हें भा गया, जिसके बारे में खुलकर तारीफ करने के साथ ही बस्तर जिले के पुलिस जवानों के साथ एक यादगार तस्वीरें भी खिंचवाईं।

फ्रांस में बरसों कृषि विभाग में कार्य करने वाले फिलिप अपनी पत्नी मूरियल (61 वर्ष)  के साथ पहली बार बस्तर 11 मार्च को आए, जहां राजिम से लेकर सिरपुर, भोरमदेव के अलावा अन्य जगहों पर घूमने के बाद बस्तर पहुंचे। 

फिलिप ने बताया कि कृषि क्षेत्र में काम करने के दौरान जब भी उन्हें मौका मिलता, अपनी पत्नी के साथ घूमने के लिए निकल जाते थे, लेकिन बस्तर आने के बाद यहां के किसानों के द्वारा की जा रही खेती बाड़ी को देखकर काफी खुश हुए, इसके अलावा यहां उत्पन्न होने वाली फसलों के बारे में भी किसानों से बात करने के साथ ही हर एक पल को अपने कैमरे में कैद किया। 

उनकी पत्नी मुरियल कॉस्मेटिक कंपनी में सेकेटरी के पद पर हंै, उनका कहना था कि बस्तर के लोग काफी अच्छे हंै, यहां लगने वाले बाजार में आने वाले लोग भी बड़े ही शालीनता से सेवा करने के साथ ही अपने संस्कृति से परिचय कराते हंै, यहां की आदिवासी संस्कृति काफी अच्छा है, जिससे लोग बहुत जल्द ही जुड़ जाते हंै। वे तीरथगढ़ के अलावा आसपास के खूबसूरती को निहारने के बाद 22 मार्च को ओडिशा होते हुए अपने देश वापस चले जाएंगे।

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