राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मार्च। पेंड्री के मेडिकल अस्पताल में प्रसूति महिलाओं को दिए जाने वाले भोजन में हेराफेरी का मामला सामने आया है। गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन परोसे जाने वाली थाली में से 60 रुपए का ड्रायफूड का पैकेट गायब दिख रहा है। राज्य सरकार ने महिला समूह के जरिये गर्भवती महिलाओं को बेहतर खानपान की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी है। काजू-बादाम और किशमिश का पैकेट भोजन की थाली में अब गायब हो गया है।
आदर्श जनजागृति महिला समूह को भोजन कार्य का ठेका दिया गया है। प्रत्येक थाली के लिए समूह को सरकार अस्पताल प्रशासन के जरिये 250 रुपए का भुगतान करती है। महिलाओं को दिन में दो बार भोजन दिए जाने का प्रावधान है। सुबह-शाम भोजन देने के साथ नाश्ता भी देने का नियम है। भोजन के लिए बनाए गए मेनू में ड्रायफूड को भी खास अहमियत दी गई है। यानी प्रसूति महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए काजू, बादाम और किशमिश भी दिया जाना है। उसी के आधार पर मीनू तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि महिला समूह के सदस्यों की ओर से मरीजों को निर्धारित मीनू के आधार पर भोजन नहीं परोसा जा रहा है। इस बात की शिकायत मरीजों के द्वारा की जा रही है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन को समूह द्वारा किए जा रहे कथित कांटामारी को लेकर जानकारी नहीं है। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहिने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि इसकी शिकायत सामने नहीं आई है। अस्पताल अधीक्षक से जानकारी लेकर उचित कदम उठाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि निर्धारित मेनू में गर्भवती महिलाओं को सुबह नाश्ता में इडली, पोहा, अंडा दूध, चाय और बिस्कुट-टोस्ट दिया जाने का प्रावधान है। दोनों समय के भोजन में हरी सब्जियां, रोटी-दाल, चावल, पापड, सलाद तथा पनीर की सब्जी भी शामिल है। साथ ही ड्रायफूड भी दिए जाने की शर्तें मीनू में तय की गई है। इस संबंध में महिला समूह की अध्यक्ष सरिता उके ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि ड्रायफूड देने में कहीं पर भी कोई ढि़लाई नहीं बरती जा रही है। समूह पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। बताया जा रहा है कि ड्रायफूड नहीं दिए जाने के मामले को लेकर समूह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। डीन इस मामले में कड़ा रूख अख्तियार कर सकती है।