महासमुन्द

जांच में तत्कालीन सचिव दोषी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 मार्च। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी मामले से बचने जिले के एक पंचायत सचिव ने अपने तबादले के बाद बगैर अद्यतन पूर्ण किए पंचायत की फाइलों को नए पंचायत सचिव को सौंप दिया। नए सचिव को प्रभार लेने के बाद पता चला कि पंचायत की जानकारी सूचना के अधिकार तहत प्रार्थी को नहीं दी गई है और फाइलों को अद्यतन भी नहीं किया गया है। सूचना के अधिकार मामले में राज्य स्तर के अधिकारियों ने जांच में इस शिकायत को सही पाया है।
राज्य सूचना आयोग द्वारा सवाल जवाब में तरह परेशान नए सचिव ने हस्तंातरित अपूर्ण दस्तावेजों को सीईओ जपं पिथौरा को भेजा। इसके बाद सीईओ जपं पिथौरा ने कार्रवाई के लिए सीईओ जिला पंचायत महासमुंद को प्रस्तुत किया। राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर जिला पंचायत स्तर के अधिाकरियों ने इस मामले में जांच की तो शिकायत पूर्णतया सही पाया है।
जांच रिपोर्ट में अधिारियों ने लिखा है कि तात्कालीन सचिव सुभाष साहू ने जानबूझकर रेखराज साहू को प्रभार हस्तांतरण के दौरान 13 पंजी बिना अद्यतन पूर्ण किये ही सौंपा था। प्रकरण सूचना आयोग में जाने के बाद सुनवाई में रेखराज साहू को सूचना आयोग में व्यक्तिगत उपस्थित होना पड़ता था। अत: रेखराज को महसूस हुआ कि बगैर गलती किये उसे परेशान हो रहा है। जबकि किया कराया सुभाष साहू का है। सुभाष साहू ने आयोग ने बयान दिया है कि उसके प्रभार में डबल पंचायत होने के कारण 13 पंजियकों का अद्यतन पूर्ण नहीं किया है।
जानकारी मिली है कि पिथौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत देवसराल में आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सूचना का अधिकार के तहत पंचायत की जानकारी मांगी थी लेकिन तत्कालीन सचिव सुभाष साहू ने सूचना दस्तावेज समय सीमा में नहीं दिया था। लिहाजा प्रकरण राज्य सूचना आयोग में पहुंचा था।