महासमुन्द

देवी मंदिरों में ज्योति प्रज्जवलित, 9 दिनों तक लगेगा मेला
22-Mar-2023 2:57 PM
देवी मंदिरों में ज्योति प्रज्जवलित, 9 दिनों तक लगेगा मेला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 मार्च।
महासमुंद जिला मुख्यालय समेत जिले भर की देवी मंदिरों में आज से नवरात्रि पर्व पर शुरू हो गया है।  जिले के देवी मंदिरों के अलावा कई घरों में भी ज्योति जंवारा की स्थापना की गई है। मंगलवार  शाम सभी स्थानों पर बिरही (गेहूं) भिगा दी गई है। आज दोपहर को सारी तैयारियां पूर्ण होने के बाद ज्योति कलश प्रज्वलित कर दिए गए।

जिले के प्रसिद्ध चंडी माता मंदिर घ्ंाुचापाली बागबाहरा में बासंती नवरात्रि पर्व मनाये जाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में कल शाम प्रसिद्ध भजन गायक दिलीप षडंगी अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।
श्री चंडी माता मंदिर ट्रस्ट घुंचापाली द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि बासंती नवरात्रि महोत्सव में पूजन हवन अनुष्ठान कार्यक्रम विद्वान पंडितों द्वारा यजमानों के साथ संपादित कराए जाएंगे।

महोत्सव के दौरान प्रतिदिन दोपहर एवं रात को 10 बजे तक श्रद्धालु जनों की सहभागीता से भंडारा रहेगा। कल भजन सम्राट दिलीप षडंगी का कार्यक्रम एवम 26 मार्च को मधुरिमा लोक सास्कृतिक कार्यक्रम महासमुंद की प्रस्तुति के अलावा नित्यप्रति दोपहर 3 से शाम 7 एवं आरती के बाद 8 बजे से जस गीत माता सेवा मानस गान पंडवानी लोक नृत्य संगीत के विविध कार्यक्रम होंगे।

आयोजन को शांति एवं व्यवस्थित संपन्न करने के लिए मंदिर प्रशासन एवं पुलिस की बैठक हुई है। जिसमें विशेष कर आवागमन को व्यवस्थित बनाए रखने सहित असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया गया। मंदिर प्रशासन ने पुलिस विभाग से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है।

जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग ग्राम कोसरंगी स्थित स्वप्न देवी मंदिर आस्था एवं पर्यटन का एक नया केन्द्र बना हुआ है। सुरम्य वनों से घिरे पहाड़ी के बीच झोपड़ीनुमा मंदिर में विराजित स्वप्न देवी मंदिर में चैत्र, क्वंार तथा गुप्त नवरात्रों में ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। प्रचार-प्रसार के अभाव में लोगों का ध्यान यहां नहीं जाता। पिछले 8 सालों से इस मंदिर की देखभाल कोसरंगी के रघुनाथ निषाद कर रहे हैं और ग्रामीणों के सहयोग से यहां नवरात्रों में अखंड ज्योत भी जलती है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में यह मंदिर अस्तित्व में आया। इसके पूर्व यहां जंगल ही जंगल था।

महासमुंद शहर की अधिष्ठात्री देवी महामाया, बेमचा स्थित बड़ी खल्लारी माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, रामेश्वरी मंदिर, बिरकोनी स्थित चंडी माता, भीमखोज, घुंचापाली समेत सभी शक्ति पीठों में आज से नौ दिनों तक आस्था के दीप जगमगाएगी और पूरे 9 दिनों तक यहां श्रध्दालुओं का मेला लगेगा। महासमुंद शहर को भगवा रंग में सजाया गया है।

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