महासमुन्द

जिला स्तरीय योजना क्रियान्वयन निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में विभाग के अधिाकरी ने दी जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 मार्च। जिले की तमाम आंगनबाडिय़ां जनवरी से मार्च तक स्थिति में डेढ़ महीने बंद रहीं। इसी बीच पता नहीं कब विभाग ने जिले के 1787 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 6 माह से 3 वर्ष उम्र के 17 हजार 33 कुपोषित बच्चे व 15 से 19 वर्ष के 24 हजार 689 एनीमिक महिलाओं को गरम भोजन प्रदाय कर दिया। यह जानकारी कल मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना अंतर्गत जिला स्तरीय योजना क्रियान्वयन निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास समीर पांडेय ने कलेक्टर को दी है।
समीर पांडेय ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत हितग्राही को दिए जा रहे गरम भोजन की त्रैमासिक जानकारी देते हुए कलेक्टर को बताया है कि जिले में 1787 आंगनबाड़ी केन्द्र हंै। जिसमें माह दिसम्बर 2022 में लक्षित हितग्राही 6 माह से 3 वर्ष के 6239 कुपोषित बच्चे व 15 से 19 वर्ष के24 हजार 689 एनीमिक महिलाओं को गरम भोजन प्रदाय किया गया है। उनका आंकड़ा है कि माह जनवरी 2023 में 5870 बच्चे व 9315 एनीमिक महिलाओं व फरवरी में 4920 कुपोषित बच्चों और 7308 एनीमिक महिलाओं, कुल कुपोषित 17 हजार 33 बच्चों तथा 24 हजार 689 एनीमिक महिलाओं को गरम पौष्टिक भोजन प्रदाय किया गया है।
मालूम हो कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिले भर की तमाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर थीं। लगातार डेढ़ महीने तक न तो कोई आंगनबाड़ी ही खुला और न ही वहां कोई कार्यकर्ता अथवा सहायिका काम पर गईं। इस पूरे दौर में महिला बाल विकास के अधिाकरी कर्मचारी वार्डों में नहीं दिखे। मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह को छोडक़र। लेकिन कागजों में तैयार आंकड़ों के आधार पर महिला बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को महती जानकारी उपलब्ध कराई है और यह जानकारी काफी चौंकाने वाली है।