रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। प्रदेश में उद्योग स्थापना और सरकार के साथ हुए निरस्त एमओयू को लेकर विपक्ष ने मंत्री को घेरने का प्रयास किया लेकिन मंत्री के लंबे चौड़े जवाब ने बंगले झांकने मजबूर किया।
प्रश्नकाल में भाजपा के धरमलाल कौशिक ने 2020-23 तक राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश के लिए किए गए एमओयू को लेकर प्रश्न किया। उन्होंने कहा कि लिखित उत्तर में बताया गया है कि 192 एम ओ यू किए गए थे जिनसे 1,24,336 लोगों को रोजगार मिलना था। इनमें से 9 एमओयू निरस्त किए गए हैं,183 प्रभावशील है।19 में उत्पादन शुरू और 37 में निवेश का क्रियान्वयन चल रहा है। कौशिक ने पूछा कि उद्योग स्थापना की अवधि कितनी दी गई है। उद्योग मंत्री कवासी लखमा की जगह उत्तर दे रहे विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि 5 वर्ष का समय होता है। कौशिक ने कहा कि निवेशकों के हवाले से कहा गया है कि 137 एम ओ यू में काम चल रहा है। क्या विभाग ने कितने का काम चल रहा है इसे कभी मौके पर सत्यापित किया है? मंत्री ने कहा कि 5 वर्ष के एम ओ यू पर 6 माह में निरीक्षण कर प्रगति ली जाती है।विधायक कौशिक ने कहा कि 96442 करोड़ का निवेश और 1,24336 लोगों को रोजगार देना था,हुआ क्या 5422 करोड़ का निवेश और 4849 लोगों को रोजगार। जो निवेश का 3त्न और 6त्न रोजगार दे पाए। यानी खोदा पहाड़ निकली चुहिया।यही है इनका विकास का छत्तीसगढ़ माडल। बाकी को रोजगार कब देंगे? मोहम्मद अकबर ने कहा कि निवेश से रोजगार का प्रतिशत कैसे तय किया जा सकता है। अभी तो 137 पर काम चल रहा है। कौशिक ने कहा कि बजरंग एलायज ने 158 लोगों को रोजगार दिया जो एम ओ यू के लक्ष्य से कोसों दूर है। कब देंगे। मंत्री ने बताया कि यह लक्ष्य नहीं केवल प्रस्ताव है। और एम ओ यू आपसी समझौता है बंधनकारी नहीं है। भाजपा के ही अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने निरस्त किए गए 9 एम ओ यू के निवेशकों और निरस्त होने का कारण जानना चाहा। मंत्री अकबर ने बताया कि प्रकाश इंडस्ट्रीज हिसार, नूतन इस्पात एंड पावर रायपुर,आर एस इस्पात, जीओएस इस्पात, स्काई स्टील,एसकेएस इस्पात मुंबई,एसएनएस इंडस्ट्रीज,पारस पावर एंड कोल बिलासपुर के एम ओ यू निरस्त किए गए हैं। इनमें से नूतन इस्पात के निवेशकों में मतभेद की वजह से,जी ओ एस ने स्टील मार्केट में मंदी और शेष निवेशकों के अनुरोध पर निरस्त किए गए।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का क्या हुआ?
इस पर चर्चा के दौरान कौशिक के लंबे चौड़े पूरक प्रश्नों पर स्पीकर चरणदास महंत ने कहा कि ये ( अकबर )असली मंत्री नहीं है ये कार्यभार में हैं। शाम को लखमा के घर बैठ कर निवेश और रोजगार तय कर लेना।
कौशिक ने कहा कि ऐसा नहीं है यही असली है,वो (कवासी लखमा) ही कार्यभार में हैं।
जब विपक्ष ने एम ओ यू की सच्चाई बताने लगे तो मंत्री अकबर ने कहा कि आपके शासनकाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट हुआ था। उसके निवेश का क्या हुआ। अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस की जोगी सरकार के समय भूषण स्टील के एम ओ यू का क्या हुआ।