दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा , 23 मार्च। दंतेवाड़ा के गीदम विकासखंड अंतर्गत पोटाकेबिन हितामेटा में 18 से 20 मार्च तक तीन दिवसीय गोंडी भाषा के शब्दकोश निर्माण हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा गोंडी भाषा का उपयोग करने वाले पांच अन्य राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र से कुल 28 प्रतिभागी एवं जिले से 35 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। कार्यशाला में मुख्य रूप से गोंडी भाषा के लिए मानक शब्दकोश निर्माण हेतु प्रयास किया गया। इन 6 राज्यों में गोंडी भाषा बोली जाती है। सभी राज्यों में हिंदी भाषा के किसी शब्द विशेष के लिए अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करते हैं। जब तक हम गोंडी भाषा के शब्दों का मानकीकरण ना करें तब तक गोंडी भाषा में पत्र-पत्रिका, साहित्य प्रकाशित नहीं किया जा सकता।
इस प्रकार के प्रयास करने के लिए सीजीनेटस्वर फाउंडेशन के शुभ्रांशु चौधरी एवं उनके सहयोगी टीम के द्वारा दो मोबाइल ऐप का निर्माण किया गया। इसके माध्यम से हिंदी भाषा के शब्दों का विभिन्न राज्यों में गोंडी भाषा में क्या बोला जाता है, उस शब्द के संग्रह का कार्य किया गया। दक्षिण बस्तर से बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिले के शिक्षकों, समाजसेवी एवं समुदाय के लोगों से शब्दों का संग्रह किया गया।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर, जिला मिशन समन्वयक श्यामलाल सोरी, सहायक परियोजना समन्वयक सिकंदर खान, बुधराम कोवासी, राजेंद्र पांडेय, सहित प्राचार्य हितामेटा, अधीक्षक एवं अन्य शिक्षक प्रमुख रूप से मौजूद थे।