महासमुन्द

प्रदेश का दूसरा रोप-वे निर्माण खल्लारी में जारी: दर्शनार्थियों को 981 सीढिय़ां चढऩे की आवश्यकता नहीं होगी
24-Mar-2023 2:35 PM
प्रदेश का दूसरा रोप-वे निर्माण खल्लारी में जारी: दर्शनार्थियों को 981 सीढिय़ां चढऩे की आवश्यकता नहीं होगी

रात में सौर लाइट से जगमगाती इस पहाड़ी का नजारा लोक लुभावन है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 मार्च।
जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर भीमखोज पहाड़ी पर विराजित खल्लारी माता के दर्शन सुलभ करने रोप-वे का निर्माण जारी है। कहा जा रहा है कि रोप वे बनने से दर्शनार्थियों को 981 सीढिय़ां चढऩे की आवश्यकता नहीं होगी। बल्कि कुछ सीढियां चढक़र मातारानी का दर्शन किया जा सकेगा। हालांकि इसमें अभी भी सालभर का समय है। फिर भी यदि काम तेज गति से चलता रहा तो अगले साल इसी समय श्रद्धालु रोप वे से मंदिर पहुंच सकेंगे। यह जिले का पहला और प्रदेश का दूसरा मंदिर है जहां रोप-वे की सुविधा मिलेगी। इससे पहले राज्य के डोंगरगढ़ में 650 मीटर लंबा रोप-वे है।

गौरतलब है कि बीते कुछ दशक से यहां के लोगों ने डोंगरगढ़ मंदिर की तरह खल्लारी मंदिर में रोप-वे सुविधा का सपना संजोया था। अब यह सपना साकार होने जा रहा है। हालांकि काम की रफ्तार बहुत धीमी है। पिछले साल 9 मार्च 2021 को इसके लिए आधारशिला रखी गई थी। दो साल में अब तक रोप-वे बन कर तैयार व शुरू हो जाना था। किन्तु निर्माण में तकनीकी दिक्कतों से काम में लगातार विलंब बना हुआ है।

संसदीय सचिव व खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव व मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने दो साल पहले इसका भूमिपूजन किया था। तब उम्मीद लगाई जा रही थी कि वर्ष 2022 में सुविधा मिलेगी पर कोरोनाकाल में काम शुरू नहीं हो पाया। कोलकाता की कंपनी रोपवे एवं रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड यहां रोप-वे का निर्माण कर रही है। इसका खर्च भी मंदिर ट्रस्ट व कंपनी वहन करेगी।

लगभग तीन सौ मीटर लंबे रोप-वे में कुल चार ट्रॉली होंगी। हर ट्रॉली में चार लोग बैठ सकेंगे। खल्लारी में रोप-वे ढेकानाल तालाब से भंडार स्थल तक होगा। यह पहाड़ी जमीन से 130 मीटर ऊंचा है। दर्शनार्थी अभी 981 सीढ़ी चढक़र मंदिर तक पहुंचते हैं। रोप-वे बन जाने से से एक घंटे में डेढ़ सौ से अधिक लोग दर्शन कर सकेंगे।

खल्लारी पहाड़ी पर कमजोर पत्थर हैं। इन पत्थरों को हटाकर मजबूत बेस बनाने तथा जहां कठोर पत्थर है उसे तोडक़र बेस बनाने, टावर खड़ा करने में समय लग रहा है। मजबूत रोप-वे की सुविधा होने से यहां मौजूदा स्थिति से तीन-चार गुणा अधिक श्रद्धालु माता के दर्शन कर सकेंगे। साल के दोनों नवरात्रों में यहां जमकर भीड़ रहती है। दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। बाद के दिनों में भी श्रद्धालुओं का नियमित यहां आना-जाना रहता है।

बहरहाल बासंती नवरात्र का आज तीसरा दिन है और श्रद्घालुओं की अधिक भीड़ खल्लारी मंदिर में उमड़ रही है। पहाड़ी के नीचे  मेला लगा हुआ है। दर्शन पूजन के साथ बाजार, खानपान, खेल खिलौने का मजा भी लोग ले रहे हैं। खल्लारी पहाड़ी पर माता खल्लारी के दर्शन के अलावा भीम डोंगा, भीम का पांव, भीम चूल्हा, भैरव गुफा, दक्षिण हनुमान का दर्शन-पूजन भी जारी है। सौर लाइट से रात में जगमगाती इस पहाड़ी में विद्युत व्यवस्था के साथ ही सोलर लाइट भी लगाई गई है। रात में मंदिर का नजारा लोक लुभावन है। पहाड़ी पर जगमग रोशनी मंदिर से 10 किमी दूर से ही नजर आती है। पहाड़ी पर सुंदर उद्यान भी है। ज्यादातर लोग रात में ही दर्शन करने पहाड़ी चढ़ते हैं। अनवरत नौ दिनों तक यहां भंडारा जारी है।
 

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