महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 मार्च। नाबालिग को शादी का प्रलोभन दे बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने और कर शारीरिक संबंध बनाने के मामले लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण नियम 2012 के विशेष न्यायाधीश विनय वासनिक ने इस अधिनियम की धारा 6 के तहत आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड डबरा तथा भादसं की धारा 363 व 366 पांच तथा 7 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित कया है। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 1 व 2 माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा। शेष सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ग्राम ठाकुरपाली निवासी आरोपी 24 वर्षीय उत्तरा कुमार के खिलाफ प्रार्थी ने 22 सितंबर 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी नाबालिक बेटी को 16 सितंबर की रात्रि करीबन 2 से 3 बजे के बीच उत्तरा कुमार बहला-फुसलाकर ले गया। शिकायत पर धारा 363 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। 24 सितंबर 2022 को पीडि़ता की बरामदगी होने पर उसने पूछताछ में बताया कि वह अपने माता.पिता के साथ मार्च में बैंगलोर पोल्ट्री फार्म में काम करने गई थी।
काम के दौरान उसकी पहचान उत्तरा कुमार मैत्री से हुई और बात शादी क पहुंच गई। अगस्त माह में वह अपने चाचा के साथ वापस घर आ गई। उत्तरा कुमार भी लौट आया। 16 सितंबर को रात्रि 2 बजे पीडि़ता घर से बिना बताए बाहर निकली। बाहर उत्तरा कुमार मिला और उसे चंद्रहासिनी मंदिर ले जाकर विवाह किया। एक रात लाज में रुकने के बाद वह अपने घर ले गया और शारीरिक संबंध बनाता रहा। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक सलीम कुरैशी ने पैरवी की।