बस्तर

नक्सलियों के द्वारा लूटे हथियार, किसी के काम नहीं रह जाएंगे-डीजी सीआरपीएफ
24-Mar-2023 8:32 PM
नक्सलियों के द्वारा लूटे हथियार, किसी के काम नहीं रह जाएंगे-डीजी सीआरपीएफ

जगदलपुर में जल्द शुरू होगा ट्रामा सेंटर, घायल जवानों को मिलेगा सही उपचार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 24 मार्च। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आने से कुछ घंटे पहले  सीआरपीएफ डीजी ने पत्रकारवार्ता ली, जिसमें डीजी ने कहा कि हथियारों के डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है,अगर ऐसा होता है तो यह सीआरपीएफ के लिए बहुत काम का साबित होगा, इस डिजिटल होने से नक्सलियों द्वारा जवानों से लूटे गए हथियार नक्सलियों के किसी काम के नहीं रह जाएंगे, वहीं देखा जाए तो पहले की तुलना में हथियार लूटे जाने की घटनाएं अब कम हो गई है। माओवादियों के मिलिट्री लीडरों को टारगेट करने के साथ ही अपने प्रभाव वाले इलाकों में वृद्धि कहना हमारा टारगेट है।

इस काम में स्थानीय पुलिस से भी पूरी मदद की जाएगी, देश में 3 लाख 25 हजार की फोर्स है, जो लगभग हर राज्य में सेवा दे रहे है, जम्मू-कश्मीर के अलावा माओवाद प्रभावित राज्यों में भी  सेवा दे रहे है, इसके अलावा कई माओवाद प्रभावित राज्यों के बड़े इलाके को अब तक नक्सल मुक्त करवा चुके हैं। जगदलपुर में ट्रामा सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव हमने दिया है, दो चरणों में इसका काम पूरा होना है, पहले चरण के काम को मंजूरी मिल गई है, इसका संचालन शुरू हो जाने से घायल जवानों को तत्काल उपचार दिलवाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा- हमने अपने कई घायल जवानों को सिर्फ इसलिए खो दिया, क्योंकि उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाया, कई राज्यों में हमने नक्सलियों की सप्लाई लाइन तोड़ी है, छत्तीसगढ़ में इस दिशा में बेहतर काम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द इसके परिणाम दिखेंगे, संयुक्त रूप से चलाए गए ऑपरेशन में कई बार बड़ी सफलताएं मिली हैं। 

यही वजह है कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में भी तस्वीर काफी हद तक बदली है,  इसलिए यह कहना गलत होगा कि सीआरपीएफ अब तक माओवादियों को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा पाई है, केवल रक्तपात से ही इसे जोडक़र नहीं देखा जाना चाहिए, पूर्व में हम से जो गलतियां हुई, उन से हमने सबक लिया और काफी सुधार किया है, नक्सल भर्ती और ट्रेनिंग सेंटरों की संख्या घटी है, आराम से घूम लेते थे, ऐसे इलाकों में कमी आई है, यह सकारात्मक संकेत है, जो बता रहा है कि माओवाद सिकुड़ रहा है, आने वाले कुछ दिनों में और भी प्रगति दिखेगी, मोबाइल की वजह से भी बढ़ रही है जवानों में आत्महत्या की प्रवृत्ति, वीडियो कॉल से बातचीत होने के दौरान छोटी बड़ी परेशानियों का जिक्र जवानों को मानसिक रूप से कमजोर कर देता है, हालांकि हर जवान में यह शिकायत आम नहीं है, हम इसका ख्याल रखते हैं, छुट्टियों का भी रोटेशन तैयार है, ड्रोन से कभी किसी पर बम नहीं गिराया, हमने ड्रोन का इस्तेमाल अपनी सहूलियत के लिए करते है, कैम्पों का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं, लेकिन यह विरोध क्यों हो रहा है, यह सब समझ रहे हैं, इस पर ज्यादा विस्तार से बात करने की जरूरत नहीं है, कई राज्यों में हमने नक्सलियों की सप्लाई लाइन तोड़ी है, छत्तीसगढ़ में इस दिशा में बेहतर काम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द इसके परिणाम दिखने को मिलेगा।

नई दिल्ली से बस्तर तक 1848 किलोमीटर लंबी बाइक रैली बड़ा संदेश देती है, दल में शामिल की गई महिला कमांडो ऐसी हैं, जिन्होंने पहले कभी साइकिल भी नहीं चलाई थी, इतना लंबा सफर पूरा कर आत्मविश्वास का परिचय दिया, सीआरपीएफ इकलौती फोर्स जिसमें 5 महिला अफसर बड़े पदों पर सेवाएं दे रही है, जो नारी सशक्तिकरण का यह बेहतरीन उदाहरण है।

हमारे लिए चुनौती काफी है, 53 एफओबी का गठन, माओवादियों के कोर एरिया में कैम्पों की स्थापना करना और उनका सुरक्षित संचालन करना, कैम्प खुलने के बाद तेजी से विकास हुआ, इसलिए नक्सली पीछे हटने मजबूर हुए, ग्रामीणों के साथ संबंध भी सुधरे, अब लोग फोर्स पर भरोसा भी कर रहे हैं।

करनपुर कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस पत्रकारवार्ता में सुजॉय लाल थाउसेन डीजी सीआरपीएफ, नितिन अग्रवाल एडीजी ओपीएस, वितुल कुमार एडीजी सी-जेड, एनी अब्राहम आईजी आरएएफ, केएम यादव आईजी वीएसडब्ल्यू मौजूद थे, इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर सिर्फ 7 भाजपाइयों को प्रवेश की  अनुमति मिली है, जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगवानी करेंगे, इस दौरान पूर्व विधायक, पूर्व सांसद के अलावा जिला और प्रदेश स्तर के बड़े भाजपा नेताओं को प्रवेश की अनुमति मिली है। सीआरपीएफ की राइजिग सेरेमनी में शामिल होंगे, जिले के 24 भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत करने के साथ ही बस्तर में पार्टी के हालात को लेकर चर्चा भी होगी।


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