बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 27 मार्च। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केन्द्र वर्षो से बगैर विभागीय भवन के संचालित किया जा रहा है। अस्पताल के लिए भवन नही होने के कारण अस्पतालों में फिलहाल दीगर भवनों में संचालित करना पड़ रहा है। जिले के 31 भवन विहीन अस्पताल के भवन के लिए भेजे गए प्रस्ताव में केवल 11 भवन के लिए मंजूरी मिली हैं, पर कागजी कार्यवाही के अभाव के कारण लोगों को अस्पताल नसीब नहीं हो पाया है।
बताना होगा कि जिले के गांव-गांव तक स्वास्थगत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेमेतरा साजा बेरला व नवागढ़ विकासखंड में 31 उप स्वास्थ केन्द्र भवन विहीन है। प्रभावित केन्द्रों का संचालन दीगर शासकीय भवन, किराए के मकान व अन्य स्थानों पर संचालित किए जा रहे हैं। चूंकि अस्थाई ठिकाने पर संचालित किए जा रहे सभी ग्रामीण हास्पिटल का भवन मापदंडो के अनुरूप नहीं है जिसके कारण हास्पिटल संचालित करने में कई तरह की दिक्कत आ रही है।
ये हैं भवन विहीन 31 उपस्वास्थ केन्द्र
जिले में 31 भवन विहीन उपस्वास्थ केन्द्रों मे साजा विकासखंड के 9 केन्द्र शामिल है। जिसमे ग्राम कुरलु, मोहतरा, नवागांवकला, श्यामपुर कांपा, हाडाहुली, बोरतरा , हाटराका, हरडुवा शामिल है। खंडसरा बेमेतरा विकासखंड में 7 केन्द्र भवन विहीन है जिसमे झाल, बैजलपुर, अर्जुनी, जांता, बंधी, भन्सुली आर, मउ है। बेरला विकासखंड में भेडनी, संडी, खम्हरिया, उफरा, अतरंगढी, सिगारडीह, परपोड़ा, नवागढ़ विकासखंड में 8 केन्द्र भवन विहीन ठेंगाभाट, गाड़ामोर, गाढा मोड गोढीकला, कुरां हाथाडाडु व रनबोर, नगधा, लोहडगिया शामिल है। चारों विकासखंडो में सबसे अधिक 9 केन्द्र साजा क्षेत्र में भवन विहीन है।
जाने कहां लंबित है प्रक्रिया
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति मिली है जिसमें नवागढ़ ब्लाक के खेड़ा के लिए 2015-16 में भवन स्वीकृत किया गया था पर प्रकिया पुर्नरक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के नाम पर लंबित है। इसके आलावा बहेरा गांव के लिए 2020-21 में स्वीकृत भवन का ठेका निरस्त होने के कारण लंबित है। अमोरा गांव का भवन निविदा प्रकिया में है। ग्राम हाडाहुली, नवागांव, का कार्य ठेका प्रकिया के कारण शुुरू नही हो पाया है। इसके आलावा ग्राम बोरतरा, ग्राम सहसपुर व गोडीकला के निर्मित भवन को विभाग को नही सौंपा गया है जिसके कारण अस्पताल का संचालन प्रारंभ नहीं हो पाया है। बीजा, गोडग़ीरी, गाडामोर का भवन निर्माणधीन स्थिति में है।
किराए के भवन में तो कोई सामुदायिक भवन में चल रहा
भवन विहीन उप स्वास्थ्य केंद्र का गांव में सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन व किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है। जिसमें जिले के ग्राम बालसमुंद, कोंगीयाकला, हाथादादू में पंचायत भवन में अस्पताल संचालित किया जा रहा है। ग्राम मऊ, कुसमी, किरतपुर, संडी, उभरा, अतरगढ़ी, भन्सुली, अर्जुनी, बैजलपुर, जाता, बंधी, भद्राली, जेवरा एन, मुरता, नगधा, रणबोड, कुरा, मेहना, बाघुल, कुरलू, हाटरांका, थान खम्मरिया, हारदुवा के आंगनबाड़ी केंद्रों को अस्पताल भवन बनाया गया है। वहीं भेडऩी व खमरिया उप स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा।
31 अस्पतालों का भवनविहीन होना चितांजनक- तिवारी
जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि कई साल से जिले के 30 से अधिक अस्पताल भवन विहीन होना चिंताजनक स्थिति है। जिले में स्वास्थ्यगत सुविधाओं में इजाफा किया जाना जरूरी हो गया है। बहरहाल जिले के दूरस्थ इलाकों में प्राथमिक उपचार व शासकीय योजनाओं के संचालन के लिए मैदानी इलाकों के उपस्वास्थ केन्द्रों मे भवन संबंधित दिकत नजर आने लगा है । फिलहाल प्रभावित केन्द्रों का आगनबाड़ी भवन, गांधी भवन या दीगर छोटे भवनों मे संचालित किया जा रहा है जहां पर सुविधा कम असुविधा अधिक होने लगा है।
कई बार पत्र लिख चुका हूं - दरबारी
ग्राम संडी में उपस्वास्थ केन्द्र का संचालन सामुदायिक भवन में किया जा रहा है जिसे लेकर जनपद सदस्य दरबारी साहू ने बताया कि वो ग्राम संडी में भवन स्वीकृति के लिए अनेक पत्र लिख चुके हैं पर भवन स्वीकृत नहीं हुआ है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीआर टंडन ने बताया कि जिले में 31 उप स्वास्थ केन्द्र भवन विहीन है जहां पर वैकल्पिक तौर पर दीगर भवनों मे संचालन किया जा रहा है।
जिले का आंकड़ा
प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेंद - 22, भवन विहीन 01, जिले में उप स्वास्थ्य केन्द्र —127, भवनवाले उप स्वास्थ्य केन्द्र--81, भवन विहीन-31, निर्माण स्वीकृति- 11, निर्माणाधीन-3।