महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 27 मार्च। स्थानीय कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलवंत सिंह खनूजा एवं छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने राजधानी रायपुर में खालिस्तान समर्थकों की निकली रैली की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सिख समाज ऐसे असामाजिक तत्वों का बहिष्कार करता है, जिन्हें देश और तिरंगे से प्यार नहीं है और जो देश विरोधी कृत्य और गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।
श्री बाबरा ने पुलिस महानिदेशक से मांग की है कि खालिस्तान समर्थक में जिन लोगों ने रैली निकाली है, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए अन्यथा इनके हौसले बढ़ते चले जाएंगे।
नेता द्वय ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि मु_ी भर लोग सिख कौम को बदनाम कर रहे हैं, जो कि बहादुरी और देशभक्ति के लिए जानी जाती है, जिनके नाम पर देश की सेना में सिख रेजीमेंट है, खालिस्तान आंदोलन गुरु गोविंद सिंह की उस भावना का अपमान कर रहा है, जिन्होंने मुगलों से लडऩे के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से पंच प्यारे तैयार किए, ताकि देश और धर्म की रक्षा की जा सके। यह निम्न स्तरीय हरकत हमारे गुरुओं की शहादत का अपमान है। जो लोग खालिस्तान की मांग कर रहे हैं, उन्हें इसकी शुरुआत पाकिस्तान से करनी चाहिए जहां पंजाब का 75 फीसदी हिस्सा चला गया।
पाकिस्तान में सिखों के ऊपर जुल्म होता है तो यह खालिस्तानी उन्हें क्यों नहीं बचाते? उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों को हिदायत दी कि आगे कभी तिरंगे का अपमान करने की कोशिश की तो उसका अंजाम ठीक नहीं होगा। हम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने आश्चर्य जताया कि खालिस्तान आंदोलन से पंजाब दो-तीन महीने से अशांत है और पंजाब सरकार व केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठे हैं। छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय प्रदेश है, यहां के लोगों ने सिख समाज को हमेशा प्यार और सम्मान दिया। सिख समाज में कई विधायक चुने गए हैं, छत्तीसगढ़ हमें पंजाब जैसा ही लगता है लेकिन आज चंद मु_ी भर लोग खालिस्तान का समर्थन करते हुए रैली निकाले हैं, जो कि दुखद और शर्मनाक है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी महासमुंद कुलवंत सिंह खनूजा ने गुरप्रीत सिंह बाबरा का समर्थन करते कहा-यह चंद मु_ी भर असामाजिक तत्वों के द्वारा माहौल खराब करने की कोशिश की गई है, यह हमारे कौम के नहीं हो सकते, बल्कि यह बहरूपिया हैं, ऐसे लोगों पर तो कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।