दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 मार्च। हेमचंद यादव विवि दुर्ग द्वारा 13 मार्च से आयोजित वार्षिक परीक्षा 2023 की प्रथम सप्ताह में सम्पन्न परीक्षाओं के उत्तरपुस्तिकाओं का 50 प्रतिशत मूल्यांकन कार्य सम्पन्न हो चुका है।
यह जानकारी देते हुए विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि विवि के मूल्यांकन विभाग में अभी तक एक लाख छहत्तर हजार उत्तरपुस्तिकाएं पहुंच चुकी है जिनमें से लगभग पच्चासी हजार से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन विशेषज्ञ प्राध्यापकों द्वारा पूर्ण किया जा चुका है। शेष उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन हेतु प्राध्यापकों को प्रदान की जा रही है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि आज विवि की कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने अधिकारियों की बैठक लेकर मूल्यांकन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दियेे। कुलपति ने कहा कि स्नातक स्तर की अंतिम वर्ष की कक्षाओं के परीक्षा परिणाम पहले जारी करने का प्रयास करे जिससे विद्यार्थियों को अगामी कक्षाओं में प्रवेश लेने अथवा रोजगार हेतु आवेदन करने में कोई कठिनाई न हो।
इस बीच अनेक मूल्यांकनकर्ताओं ने कुलपति, डॉ. पल्टा को सूचित किया कि वार्षिक परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का प्रदर्शन काफी खराब है। अनेक परीक्षार्थियों ने 24 पेज की उत्तरपुस्तिका में मात्र 6-7 पेज ही उपयोग में लाये हैं। परीक्षार्थियों के खराब प्रदर्षन का असर उनके परीक्षा परिणामों में दिखेगा। कुलपति, डॉ. पल्टा ने सभी परीक्षार्थियों से आग्रह किया है कि वे अपने लेखन क्षमता में वृद्धि करते हुए परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करे।
विवि के अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन किये जा रहे परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण के दौरान आज दुर्ग, भिलाई एवं राजनांदगांव में कुल 16 नकल प्रकरण दर्ज किये गये। इनमें 04 छात्राएं भी थी। इन नकल प्रकरणों में 14 परीक्षार्थी स्वाध्यायी थे। नकल प्रकरणों को विवि द्वारा गठित यूएफएम कमेटी के समक्ष रखा जायेगा। जिनपर कमेटी के सदस्य ए, बी, सी, श्रेणी के नकल प्रकरण के आधार पर संबंधित परीक्षार्थी के संबंध में निर्णय लेंगे। नकल प्रकरण हेतु निर्धारित की गई श्रेणीयों में प्रथम श्रेणी में वे परीक्षार्थी आते है जिन्होंने नकल की सामग्री अपने पास रखी परन्तु उसका उपयोग नहीं किया। द्वितीय श्रेणी में वे परीक्षार्थी शामिल होंगे जिन्होंने सामग्री अपने पास रखी तथा उसका उपयोग भी किया। तृतीय श्रेणी में ऐसे परीक्षार्थी होंगे, जिन्होंने अपने पास लिखित सामग्री रखी परन्तु वह सामग्री उस विषय से संबंधित नहीं थी।