बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 28 मार्च। नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे मूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडि़त व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीडि़त है। सरकार इन पीडि़तों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, वहीं बस्तर पुलिस लगातार कार्रवाई कर लोगों को समझाइश भी दे रही है।
बस्तर पुलिस की इस कार्रवाई से कहीं न कहीं नशेडिय़ों पर एक खौफ बना हुआ है। इस डर से कहीं न कहीं नशे का कारोबार कम होता दिख रहा है, लेकिन एक तस्वीर कोतवाली परिसर व यातायात विभाग के पीछे की है, जो चौंकाने वाली है।
यह तस्वीर है थाने के पीछे की, जहां शराब की सैकड़ों बोतलें, डिस्पोजल ग्लास, सिगरेट के खाली पैकेट, पानी की खाली बोतल, चकने के रूप में मिक्चर के पैकेट के कचरे पूरी तरह से फैले हुए है और यह बता रहे हैं कि यहाँ पर शराबखोरी होती है।
अब सवाल यह है कि यहाँ शराब कौन पीता है ? यहाँ के कर्मचारी या बाहर से शराबी यहाँ आकर नशा कर चले जाते हैं। इस सवाल का जवाब तो जिम्मेदार अधिकारी दे पाएंगे क्योंकि थाने में एक आम आदमी आ कर शराब पीकर चले जाए, यह संभव नहीं है, वहीं अगर स्टाफ के द्वारा यह सब किया जा रहा है तो जिनके ऊपर थाने की जवाबदारी है कि वे थाने का निरीक्षण क्यों नहीं करते?
इस विषय पर सीएसपी विकास कुमार का कहना है- मैं दिखवाता हूं।